अन्तर्राष्ट्रीय

बालाकोट स्ट्राइक को लेकर डिप्लोमैट के खुलासे से तिलमिलाया पाकिस्तान

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक पूर्व भारतीय राजनयिक की हालिया पुस्तक को भारत में चुनाव से पहले पाकिस्तान को “कोसने” का जरिया करार दिया। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जेहरा बलूच पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त रहे अजय बिसारिया की एक किताब के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रही थीं।

बलूच ने कहा कि उन्होंने किताब न तो देखी है और न पढ़ी है, लेकिन मीडिया में आईं कुछ खबरें और पुस्तक के बारे में कुछ दिलचस्प टिप्पणियों पर गौर किया है। उन्होंने कहा, ” भारत में अगला लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, ऐसे में यह आश्चर्य की बात नहीं है कि पाकिस्तान को कोसने वाली अंधराष्ट्रवादी और सैन्यवादी कहानियां अब वहां फैलाई जा रही हैं।” बिसारिया ने अपनी पुस्तक ‘एंगर मैनेजमेंट: द ट्रबल्ड डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान’ में आजादी के बाद से भारत-पाकिस्तान संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला है।

बता दें कि इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त रहे बिसारिया ने अपनी आने वाली पुस्तक में यह भी लिखा है कि भारत विंग कमांडर अभिनंदन वर्द्धमान को वापस लाने के लिए भारतीय वायु सेना का एक विमान पाकिस्तान भेजना चाह रहा था, लेकिन पाकिस्तान ने अनुमति नहीं दी। वर्द्धमान (अब ग्रुप कैप्टन) ने 27 फरवरी, 2019 को एक पाकिस्तानी जेट को विमान को मार गिराया था। इस दौरान उनके मिग 21 बाइसन जेट को मार गिराया गया था। पाकिस्तानी सेना ने वर्द्धमान को बंधक बना लिया था और दो दिन बाद उन्हें छोड़ा गया था। बिसारिया ने लिखा, ‘‘हम उन्हें वापस लाने के लिए भारतीय वायु सेना का एक विमान भेजना चाह रहे थे, लेकिन पाकिस्तान ने अनुमति देने से इनकार कर दिया, पिछले तीन दिनों में जो कुछ हुआ उसके बाद इस्लामाबाद में भारतीय वायु सेना के विमान के उतरने की बात, निश्चित रूप से, पाकिस्तान को स्वीकार्य नहीं थी।”

बिसारिया ने किए बड़े खुलासे
बिसारिया ने अपनी किताब ‘एंगर मैनेजमेंट: द ट्रबल्ड डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान’ में कहा है कि कई देशों ने अपने विशेष राजदूत भेजने की पेशकश की थी, लेकिन इसकी कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा,, ‘‘यहां तक कि चीन भी पीछे नहीं था। उसने सुझाव दिया था कि वह तनाव घटाने के लिये दोनों देशों में अपने उप मंत्री को भेज सकता है।

भारत ने इस पेशकश को विनम्रतापूर्वक ठुकरा दिया था।” करीब 35 साल तक विदेश सेवा में रहने वाले बिसारिया ने रूपा प्रकाशन से प्रकाशित अपनी पुस्तक में स्वतंत्रता के बाद से भारत और पाकिस्तान के संबंधों के अनेक पहलुओं पर रोशनी डाली है। उन्होंने लिखा है कि बालाकोट पर भारत के हवाई हमलों के एक दिन बाद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस के राजदूतों को पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश सचिव तहमीना जांजुआ ने पाकिस्तान की सेना से मिले एक संदेश के बारे में सूचित किया था।

बिसारिया ने यह भी लिखा है कि पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत करना चाहते थे। उन्होंने लिखा, ‘‘आधी रात के आसपास मुझे दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सुहैल महमूद से फोन आया, जिन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री मोदी से बात करना चाहते हैं।”

पूर्व राजनयिक के अनुसार, ‘‘मैंने ऊपर जाकर देखा और जवाब दिया कि इस समय हमारे प्रधानमंत्री उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन अगर इमरान खान को कोई अत्यावश्यक संदेश देना है, तो मुझे दे सकते हैं। मुझे उस रात वापस कोई फोन नहीं आया।” उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में अमेरिका और ब्रिटेन के राजदूत रातों-रात भारत के विदेश सचिव के पास पहुंचे और दावा किया कि पाकिस्तान अब तनाव को कम करने, भारत के दस्तावेज़ पर कार्रवाई करने और आतंकवाद के मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने के लिए तैयार है।”

Related Articles

Back to top button