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पौष अमावस्या 2022: साल की अंतिम अमावस्या, जानिए पूजा विधि व महत्व

नई दिल्ली : साल 2022 की अंतिम अमावस्या पौष अमावस्या है, जो 23 दिसंबर को है. अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने का विधान है. पंचांग के अनुसार, पौष अमावस्या तिथि 22 दिसंबर को शाम 07 बजकर 13 मिनट से प्रारंभ हो जाएगी और यह 23 दिसंबर को शाम 03 बजकर 46 मिनट पर खत्म होगी. ऐसे में सूर्योदय के समय में ही स्नान और उसके बाद दान किया जाएगा. अमावस्या के दिन कुछ आसान उपायों को करने से सुख और समृद्धि तो बढ़ती ही है, पितर भी प्रसन्न होकर अपने वंश को आशीर्वाद देते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं पौष आमवस्या के उपायों के बारे में.

पौष अमावस्या को करने वाले उपाय

  1. पौष अमावस्या के दिन गंगा या अन्य पवित्र नदी में स्नान करें या अपने घर पर ही पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान कर लें. उसके बाद आप जल से अपने पितरों को तर्पण दें. जल से पितरों की आत्माएं तृप्त होंगी तो वे खुश होकर आपके खुशहाल जीवन और तरक्की का आशीष देंगी.
  2. पितरों को तर्पण देने के बाद आप सूर्य देव की पूजा कर सकते हैं. सूर्य देव को तांबे के लोटे में जल भरकर ओम सूर्याय नम: मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें. सूर्य देव को प्रणाम करके आशीर्वाद लें. सूर्य कृपा से आपके यश और कीर्ति में वृद्धि होगी.
  3. यदि आप पितृ दोष से पीड़ित हैं तो अमावस्या के अवसर पर अपने पितरों के लिए पिंडदान, श्राद्ध आदि करें. इससे आप दोष से मुक्त हो जाएंगे. आपके सुख, संतान, धन में वृद्धि होगी.
  4. पीपल के पेड़ में देवों का वास होता है. अमावस्या के दिन पीपल की जड़ में जल ​अर्पित करने और दीप जलाने से देवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. पितर भी प्रसन्न होते हैं और कष्टों से भी मुक्ति मिलती है.
  5. यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो आप इस दिन नदी स्नान के बाद धातु के बने नाग और नागिन की पूजा करें. उसके बाद उनको बहते जल में प्रवाहित कर दें. इससे कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. हालां​कि कई ज्योतिषाचार्य कालसर्प दोष के सिद्धांत को ही नहीं मनाते हैं.
  6. यदि आप पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं तो अमावस्या पर स्नान और तर्पण के बाद पितृ स्तोत्र का पाठ करें. इससे आपको पितरों का आशीर्वाद मिलेगा. पितरों को तृप्त होने की बात इसलिए करते हैं क्योंकि वे अगर नाराज हो जाते हैं तो अपने ही वंश को श्राप देते हैं, जिससे संतान का योग नहीं बनता है.
  7. अमावस्या पर मछलियों को आटे की गोलियां और काली चिटियों को शक्कर खिलाने से भी लाभ होता है. जीवन में सुख और शांति मिलती है.

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