दस्तक टाइम्स/एजेंसी- नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सोने से जुड़ी तीन महत्वकांक्षी योजनाओं की शुरआत की। इन योजनाओं का मकसद देश में सोने के बढ़ते आयात पर अंकुश लगाने और घरों तथा अन्य जगहों पर बेकार पड़े करीब 800 अरब डालर के 20,000 टन सोने को उपयोग में लाना है।
मोदी ने सोने का सिक्का एवं बुलियन जारी करने की योजना का भी अनावरण किया जिस पर एक तरफ राष्ट्रीय चिह्न अशोक चक्र और दूसरी तरफ महात्मा गांधी का चित्र होगा। देश में इस तरह की यह पहली योजना है। शुरआत में सिक्के पांच और 10 ग्राम के वजन में उपलब्ध होंगे उसके बाद 20 ग्राम का बुलियन एमएमटीसी की 125 दुकानों के जरिए उपलब्ध होगा।
मोदी ने इस मौके पर कहा कि भारत ने सोने के सबसे बड़े खरीदार के तौर पर चीन को पीछे छोड़ दिया है। इस साल देश में अब तक 562 टन सोने की खरीद हुई जबकि चीन में 548 सोने का आयात किया गया। उन्होंने कहा कि जिस देश के पास घर-परिवार और संस्थानों में 20,000 टन सोना बेकार रखा है, ऐसे देश के गरीब रहने की कोई वजह नहीं है। भारत कुछ नई पहलों और सही नीतियों के साथ आगे बढ़ते हुये (गरीब देश) इस तमगे को हटा सकता है।
भारत में बचत और महिलाओं को सोने के साथ सशक्त बनाने की परंपरा का जिक्र करते हुये प्रधानमंत्री ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को अर्थशास्त्र और गृहशास्त्र के बीच फर्क समझना होगा। सोने से जुड़ी आज पेश की गई विभिन्न योजनाओं से सोने की उपलब्धता बढ़ेगी और इसका आयात कम होगा। भारत में फिलहाल सालाना करीब 1,000 टन सोने का आयात किया जाता है जिसके कारण विदेशी मुद्रा खर्च होती है।
मोदी ने कहा कि गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत भारतीय नागरिकों को निवेश करने का मौका मिलेगा। इस योजना के तहत 30 ग्राम से ज्यादा सोना जमा कराया जा सकता है। जमा कराए गोल्ड पर ढाई प्रतिशत तक ब्याज मिलेगा। इस स्कीम के तहत घरों या बैंक के लॉकर में रखे सोने पर ब्याज के रूप में अच्छी खासी आमदनी हो सकेगी।
स्वर्ण बांड योजना के तहत निवेशकों को दो ग्राम सोने से अधिकतम 500 ग्राम सोने तक के बराबर बांड खरीदने का विकल्प हागा। यह पहले चरण की स्वर्ण बांड योजना है और इसके आगे के चरणों को बाद में अधिसूचित किया जाएगा। इस बांड की अवधि आठ साल की होगी और पांचवें साल से इसमें बाहर निकलने का विकल्प उपलब्ध होगा।