उत्तराखंड

‘मोदी योजना’ ने हर जरूरत को ‘छुआ’, जो उत्तराखंड में पहले न ‘हुआ’

देहरादून (गौरव ममगाईं)। वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष आध्यात्मिक रिश्ता रहा है, उत्तराखंड में पीएम मोदी द्वारा अज्ञातवास के दौरान बिताया समय हो या प्रधानमंत्री बनने से पहले व बाद में उत्तराखंड में बाबा केदारनाथ व बद्रीनाथ का आशीर्वाद लेने हर साल यहां पहुंचते रहना, यह पीएम मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव को साफ दर्शाता है। वहीं, पीएम मोदी भी अपनी सफलता का श्रेय देवभूमि उत्तराखंड को ही देते रहे हैं।

अब पीएम नरेंद्र मोदी ने इस आध्यात्मिक रिश्ते को विस्तार दे दिया है। आठ दिसंबर को देहरादून में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के शुभारंभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- ‘’इस आध्यात्मिक धरती ने मुझे बहुत कुछ दिया, अब समय है इस उपकार का ऋण चुकाने का…।’’ राजनीतिक जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब उत्तराखंड के आर्थिक विकास का जिम्मा अपने कंधों पर ले लिया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के विकास के लिए खास रोडमैप भी तैयार किया है, जिसे ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में उन्होंने साझा भी किया है। इस प्लान को उत्तराखंड के विकास एवं अर्थव्यवस्था को दोगुनी करने में बेहद सक्षम माना जा रहा है। पीएम मोदी आने वाले दिनों में उत्तराखंड में इन योजनाओं को लागू कराने में भी केंद्र सरकार के स्तर पर विशेष सहयोग देते नजर आएंगे। आइये जानते हैं पीएम मोदी का उत्तराखंड के लिए क्या है प्लान–

‘हाउस आफ हिमालयाज ब्रांड’ के नाम से जाने जाएंगे उत्तराखंडी उत्पाद::

पीएम नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के उत्पादों की विशेषता से अच्छे से परिचित हैं। वह जानते हैं कि यहां के कृषि, काष्ठ, ऊनी, बागवानी उत्पाद अपने-आप में विशेष हैं। इन्हें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थापित किया जा सकता है, लेकिन इनकी ब्रांडिंग न होने के कारण ये पहचान से महरूम रहते हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के उत्पादों को ‘हाउस आफ हिमालयाज’ के नाम से राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उतारने की योजना बनाई है। पीएम मोदी खुद इस ब्रांड को पहचान दिलाने के लिए अपील कर सकते हैं। इस ब्रांड में बैकरी उत्पाद, दूध उत्पाद, बुरांश एवं मालटा जूस, क्राफ्ट एवं हैंडलूम, शहद, एरोमा, प्रसाद, जैविक ऊन, एलईडी बल्ब, ट्राउट फिश व कृषि उत्पादों को विशेष स्थान दिया जाएगा। बता दें कि इससे पहले भी उत्तराखंड उत्पादों को हिलांश व हिमाद्री ब्रांड से बेचा जा रहा था, लेकिन इनकी मार्केटिंग व ब्रांडिगं पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया, जिस कारण खास सफलता नहीं मिल सकी। अब पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा दिये हाउस आफ हिमालयाज ब्रांड में ही इन दोनों ब्रांड को शामिल किया जाएगा।

हाउस आफ हिमालयाज’ से जुड़ेंगी 5 लाख महिलाएःं:
हाउस आफ हिमालयाज ब्रांड से प्रदेश में इस वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य में 6 हजार स्वयं सहायता समूहों को गठन करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी के साथ प्रदेश में कुल 4.91 लाख परिवार इस ब्रांड के साथ जुड़े जाएंगे। बता दें कि वर्तमान में प्रदेश में 4.2 लाख महिलाओं को संगठित करते हुए 56 हजार 362 समूह, 5 हजार 718 ग्राम संगठन व 353 कलस्टर स्तरीय संगठनों का गठन किया गया है। ये सभी महिलाएं अभी तक हिमाद्री व हिलांश ब्रांड के उत्पादों में काम कर रही थी, जो अब हाउस आफ हिमालयाज ब्रांड में काम करेंगी। बता दें कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार की आवश्यकता महसूस की जाती रही है। पीएम मोदी व सीएम पुष्कर सिंह धामी चाहते हैं कि महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा संख्या में महिला स्वयं सहायता समूहों से जोडकर महिलाओं को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से मजबूत किया जा सके।

उत्तराखंड में खुशहाली लायेगा ‘वेड इन उत्तराखंड’ ::
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड’ योजना को पेश करते हुए उत्तराखंड को वैडिंग का सबसे बेहतर स्थान बताया। पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के बड़े धना-सेठों से कहा, जब आपको आशीर्वाद लेने के लिए देवभूमि उत्तराखंड आना पड़ता है तो विवाह जैसे सबसे मांगलिक कार्यक्रमों को देवताओं के चरणों में क्यों नहीं कराते। माना जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी की यह अपील उत्तराखंड की आर्थिक तरक्की में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। आने वाले दिनों में उत्तराखंड में बड़े-बड़े उद्योगपति व जानी-मानी हस्तियां विवाह व अन्य बड़े कार्यक्रमों का आयोजन कर सकते हैं, जिससे उत्तराखंड में अनेक स्वरोजगार एवं रोजगार पैदा होंगे। आपको बता दें कि 2018 में उत्तराखंड के गढ़वाल में गुप्ता बंधुओं ने परिवारिक विवाह का आयोजन किया था, जिसमें कई करोड़ रुपये खर्च किये गये थे। इससे गढ़वाल के सैकड़ों लोगों को रोजगार मिला था। यह विवाह कार्यक्रम उत्तराखंड मीडिया में चर्चाओं में बना रहा था। वहीं, इससे उत्तराखंड में फिल्म शूटिंग को भी बढ़ावा मिलेगा।

पहाड़ से पलायन रोकना भी मुख्य लक्ष्य::
पीएम मोदी ने उत्तराखंड के पहाड़ी उत्पादों को विशेष ब्रांड के रूप में पहचान दी है, इसका मुख्य लक्ष्य पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकना है। पीएम मोदी व सीएम धामी का प्रयास है कि पर्वतीय जिलों में मंडुआ, झंगोरा, मालटा, खुबानी, सेब, बुरांश जैसे पहाड़ी उत्पादों को प्रोत्साहन मिलेगा, तो यहां आर्थिकी के अवसर पैदा होंगे। इससे यहां के लोग मैदानी क्षेत्रों की ओर रूख नही करेंगे। बता दें कि उत्तराखंड पलायन आयोग की रिपोर्ट में उत्तराखंड में 1 हजार से ज्यादा ‘घोस्ट विलेज’ घोषित किये गये थे। घोस्ट विलेज का आशय, उन गांवों से हैं जहां एक भी व्यक्ति नहीं रहता है। पौड़ी व अल्मोड़ा क्रमशः सबसे ज्यादा पलायन से प्रभावित बताये गये थे।

उत्तराखंड में निवेश करेंगे तो मिलेगी ‘मोदी गारंटी’::
खास बात ये भी है कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने देश-विदेश से आये बड़े निवेशकों को उत्तराखंड में ज्यादा से ज्यादा निवेश करने को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आज देश का सबसे अच्छा एवं सुरक्षित निवेश स्थल है। यहां निवेश करना लाभ एवं सामाजिक दायित्व की दृष्टि से अच्छा फैसला होगा। पीएम मोदी ने कहा कि आप आइए और यहां निवेश कीजिए, सरकार आपके हितों का विशेष ध्यान देगी। इससे साफ है कि पीएम नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के विकास के लिए कितने संजीदा हैं। पीएम मोदी की अपील पर देश-विदेश के सबसे बड़े भारतीय पूंजीपति अंबानी, अडानी, जिंदल समेत अन्य बिजनेस ग्रुपों ने उत्तराखंड में ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार, हॉस्पिटैलिटी व अन्य क्षेत्रों में निवेश की घोषणा की है। इसी का नतीजा रहा कि इन्वेस्टर समिट के पहले दिन 44 हजार करोड़ का निवेश धरातल पर उतरता दिखा। दूसरे दिन भी निवेश का यह आंकड़ा और ज्यादा पहुंचने की उम्मीद है।

जाहिर है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इन प्रयासों को पीएम मोदी का साथ मिल रहा है तो सफलता भी दूर नहीं दिख रही है। पीएम मोदी द्वारा उत्तराखंड के विकास में भागीदार बनने को इच्छुक दिखना भी प्रदेश के लिए शुभ संकेत है। उम्मीद है कि पीएम मोदी का सहयोग मिलने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी अगले 5 वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने के लक्ष्य को भी हासिल कर लेंगे, जो प्रदेश की तरक्की को सुनिश्चित भी करेगा।

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