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बिहार के विधायी इतिहास के शताब्दी उत्सव का गवाह बने राष्ट्रपति कोविंद दिल्ली रवाना

पटना: आधुनिक बिहार के सौ साल के विधायी इतिहास और विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष उत्सव का गवाह बने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तख्तश्री हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा में मत्था टेककर, हनुमान मंदिर में शीश झुका कर, बुद्ध स्मृति पार्क और खादी मॉल जाने के बाद आज दिल्ली रवाना हो गए। राष्ट्रपति यहां जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा से सेना के विशेष विमान से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इस दौरान हवाईअड्डा पर राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य उपस्थित थे।

श्री कोविंद बिहार के तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन शुक्रवार सुबह पटना सिटी स्थित हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा पहुंचे, जहां उन्होंने मत्था टेका। प्रबंधक समिति के अध्यक्ष अवतार सिंह हित, वरीय उपाध्यक्ष जगजोत सिंह, लखविंदर सिंह, महासचिव इंद्रजीत सिंह तथा सचिव हरवंश सिंह ने उनका स्‍वागत किया। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर तख्त श्री हरिमंदिर परिसर व पटना सिटी अनुमंडल में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी।

राष्ट्रपति इसके बाद पटना जंक्शन स्थित हनुमान मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने देश की प्रथम महिला सविता कोविंद के साथ पूजा-अर्चना की। यहां पर उनकी अगुवानी आचार्य कुणाल किशोर ने की वहीं पद्यश्री उपेंद्र महारथी की पुत्री महाश्वेता महारथी ने देश की पहली महिला का स्वागत किया। राष्ट्रपति ने श्रीमती कोविंद को बताया कि यह देश का पहला हनुमान मंदिर है, जहां बजरंगबली की युगल प्रतिमा है। एक मनोरथ को पूर्ण करने वाले और दूसरा संकट हरने वाले हैं। उन्होंने महावीर मंदिर न्यास के चल रहे कैंसर संस्थान, महावीर वात्सल्य एवं विभिन्न अस्पतालों के बारे में जानकारी ली।

श्री कोविंद को चेन्नई से बनकर आया विराट मंदिर का प्रतीक चिन्ह, नैवेद्यम और शाॅल भेट की गई। आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविन्‍द पहली बार यहां आए हैं। वैसे राज्यपाल रहते तीन चार-बार आ चुके हैं। राष्ट्रपति ने अयोध्या में चल रहे राम रसोई की चर्चा स्वयं आचार्य किशोर कुणाल से की।

राष्ट्रपति इसके बाद राजधानी के बुद्ध स्मृति पार्क पहुंचे। यहां उन्होंने लोगों का अभिवादन किया। इस पार्क में विपश्यना केंद्र का निर्माण कराया गया है, जिसका संचालन 03 जुलाई 2018 से नियमित रूप से हो रहा है। पार्क में बोधगया, श्रावस्ती और श्रीलंका के अनुराधापुर से बोधिवृक्ष का पौधा मंगवाकर लगवाया गया। यहां करुणा स्तूप और बुद्ध स्मृति संग्रहालय भी बनवाये गये हैं। करुणा स्तूप में पांच देश जापान, म्यांमार, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका और थाइलेंड से भगवान बुद्ध का अवशेष लाकर रखा गया है।

श्री कोविंद यहां से निकलने के बाद खादी मॉल गए, जहां उनका स्वागत उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने किया। राष्ट्रपति को खादी मॉल के वस्त्र काफी पसंद आए। उन्होंने खुद के लिए खादी के कुर्ता-पायजामा के कपड़े खरीदे। साथ ही उनकी पत्नी एवं पुत्री ने भी भागलपुर सिल्क की साड़ियां खरीदी।

इस तरह से राष्ट्रपति श्री कोविंद का तीन दिन दिवसीय दौरा संपन्न हो गया और वह पटना के जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा से सेना के विशेष विमान से दिल्ली लौट गये। इससे पूर्व दौरे के पहले दिन बुधवार को पटना पहुंचने के बाद शाम में राजभवन में हाई-टी का अयोजन किया गया, जहां राष्ट्रपति से पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ने मुलाकात की। दूसरे दिन गुरुवार को वह बिहार के विधायी इतिहास के सौ वर्ष पूर्ण होने एवं विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इसके बाद उनके सम्मान में सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के सरकारी आवास पर रात्रि भोज का अयोजन किया गया।

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