RJD नेता ने नीतीश से मांगा इस्तीफा, खफा JDU ने की पार्टी से बाहर किए जाने की मांग
एजेंसी/ बिहार में सत्तारुढ़ महागठबंधन सरकार में शामिल आरजेडी और जेडीयू की आपसी लड़ाई खुलकर सामने आ गई है. दोनों दलों में एक-दूसरे के नेताओं पर जुबानी हमले बढ़ गए हैं. शनिवार को आरजेडी सांसद तस्लीमुद्दीन ने बिहार में लॉ एंड ऑर्डर के बिगड़ते हालत के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार करार देते हुए उनसे इस्तीफा मांगा.
मुखिया बनने लायक भी नहीं हैं नीतीश
तस्लीमुद्दीन ने कहा कि बिहार में कहीं लॉ एंड ऑर्डर नहीं है. नीतीश कुमार मुखिया बनने के लायक भी नहीं हैं. पीएम बनने की बात तो भूल ही जाएं. महागठबंधन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मैं तो चाहता हूं कि आरजेडी और जेडीयू का गठबंधन अभी टूट जाए, लेकिन यह तो लालूजी का ही फैसला होगा.
इसके बाद जेडीयू नेता प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि तस्लीमुद्दीन को आरजेडी से इस्तीफा दे देनी चाहिए और फिर खुलकर बीजेपी के इशारों पर काम करना चाहिए.
आरजेडी संसदीय बोर्ड की मीटिंग में नीतीश का विरोध
जेडीयू और सीएम नीतीश पर आरजेडी के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह ने कहा कि शहाबुद्दीन जब जेल में लोगों से मिल रहे थे तब अफसर क्या कर रहे थे. तस्लीमुद्दीन और प्रभुनाथ सिंह आरजेडी संसदीय बोर्ड की मीटिंग में शामिल होने के लिए पटना पहुंचे थे. इसके पहले आरजेडी के सीनियर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह भी नीतीश कुमार पर हमलावर हो चुके हैं.
तस्लीमुद्दीन और रघुवंश को निकाले आरजेडी
जेडीयू नेता संजय सिंह ने आरजेडी से मांग की है कि तस्लीमुद्दीन और रघुवंश सिंह को फौरन पार्टी से निकाल दिया जाए. संजय सिंह ने कहा कि अब पानी सिर के ऊपर जा रहा है. लालू यादव इन दोनों नेताओं पर कार्रवाई करें, नहीं तो जेडीयू और आरजेडी के बीच दरार गहराती जाएगी.
आरजेडी मतलब लालू, राबड़ी और तेजस्वी
वहीं जेडीयू महासचिव श्याम रजक ने साफ कहा है कि उनकी पार्टी के लिए आरजेडी का मतलब लालू, राबड़ी और तेजस्वी है, रघुवंश सिंह या तस्लीमुद्दीन नहीं है. रजक ने कहा कि नीतीश पर हमला हताश और कुंठित नेताओं का बयान है. लालू यादव को इस पर लगाम लगाना चाहिए.