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धनबाद के जज की हत्या मामले में बड़ा खुलासा, चोरी का था टक्कर मारने वाला ऑटो

धनबादः मॉर्निंग वॉक कर रहे जिला सत्र न्यायधीश-8 उत्तम आनंद की मौत एक हादसा नहीं बल्कि हत्या है. इस मामले में यह तथ्य सामने आया है कि जज को उड़ाने के लिए जिस ऑटो का इस्तेमाल किया गया हुआ वह चोरी का था. उसे पुलिस ने गिरिडीह से बरामद कर लिया है. ऑटो मालिक का कहना है कि उसका ऑटो चोरी हो गया था जिस संबंध में थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी.

दरअसल, बीते बुधवार की सुबह करीब पांच बजे सैर पर निकले उत्तम आनंद की हीरापुर बिजली सब स्टेशन के पास ऑटो से टक्कर मारी गई थी. इस मामले में उनकी पत्नी कृति सिन्हा ने धनबाद थाने में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि जानबूझ कर उन्हें धक्का मारा गया है. इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने रिपोर्ट तलब की है.

धनबाद बार एसोसिएशन ने न्यायाधीश के सम्मान में पेन डाउन कर दिया. किसी तरह की न्यायिक कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया. एसएसपी संजीव कुमार ने सिटी एसपी आर राम कुमार के नेतृत्व में हत्याकांड की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया है. इस मामले में फॉरेंसिक टीम ने भी ऑटो की जांच कर सैंपल लिया है. ऑटो में फिंगर प्रिंट सहित अन्य चीजों की बारीकी से जांच की गई है. बरामद ऑटो का नंबर प्लेट घिसा हुआ पाया गया. यानी अपराधियों ने ऑटो से नंबर मिटाकर घटना को अंजाम देने की साजिश रची है.

वहीं, दूसरी ओर इस घटना को बीजेपी नेता रंजय सिंह हत्या और उस केस कि सुनवाई से जोड़कर देखा जा रहा है. रंजय सिंह धनबाद के बाहुबली परिवार सिंह मेंशन के करीबी थे. जनवरी 2017 में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी. रंजय सिंह झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह के करीबी थे, जिनकी हत्या के दो महीने बाद ही मार्च 2017 में धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की भी हत्या कर दी गई थी. रंजय की हत्या मामले में जज उत्तम आनंद सुनवाई कर रहे थे. बीते दिनों सुनवाई के दौरान उन्होंने आरोपी अमन सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. अमन सिंह पर रंजय सिंह की हत्या का आरोप है. अमन सिंह की जमानत याचिका खारिज होने के चंद दिनों बाद हुई इस घटना से शक की सुई अमन सिंह एंड गैंग की ओर मुड़ गया है.

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