मध्य प्रदेशराज्य

गोडसे का जन्मदिन मनाने को लेकर ग्वालियर में बवाल, हिंदू महासभा को बैन करने की उठी मांग

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आज हिंदू महासभा ने नाथूराम गोडसे के 114वें जन्मदिन पर बस्ती में फल वितरण और गोडसे की फोटो के सामने मंदिर पर आरती का कार्यक्रम रखा था, लेकिन सूचना मिलने के बाद पुलिस ने रोक दिया. पुलिस के पहुंचने से पहले फल वितरण हो चुका था. उसके बाद हिंदू महासभा के लोग आरती करने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने रोक दिया. इसके चलते हिंदू महासभा के पदाधिकारी गोडसे की तस्वीर लेकर दौलतगंज स्थित कार्यालय चले गए.

गोडसे की तस्वीर ले जाते समय रास्ते में पुलिस के साथ झूमाझटकी भी हुई. पुलिस ने पदाधिकारियों से कहा कि खुले में नाथूराम गोडसे की तस्वीर नहीं ले जा सकते. इसके बाद पुलिस ने फोटो को लेकर एक कागज में पैक कर दिया.

दरअसल, हिंदू महासभा के पदाधिकारी यह कार्यक्रम ग्वालियर के दौलतगंज में करने जा रहे थे. बीच सड़क पर नाथूराम गोडसे के फोटो के साथ जा रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस रोकने पहुंची तो खींचतान होने लगी. पुलिस ने हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं से कहा कि गोडसे की तस्वीर खुले में नहीं ले जा सकते, बंद करके ले जाओ. इसके बाद गोडसे की तस्वीर को एक दुकान के सामने कागज से ढक दिया गया.

इस मामले को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने कहा कि कर्नाटक की तरह मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार आने पर हिंदू महासभा को बैन कर दिया जाए. इसके लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया को ज्ञापन सौंपा है. वहीं कांग्रेस के बैन करने के मामले पर हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. जयवीर भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस के जिस नेता ने ये बात कही है, उनको अपने दिमाग की जांच करानी चाहिए. हिंदू महासभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है कि नाथूराम गोडसे की मूर्ति पूरे देश में लगाने की अनुमति दी जाए.

हुजरात कोतवाली ग्वालियर के थाना प्रभारी दामोदर गुप्ता ने कहा कि आज कुछ लोगों द्वारा गोडसे का जन्मदिन मनाए जाने की सूचना थी. इसी को लेकर हम टीम के साथ मौके पर पहुंचे हैं. सार्वजनिक तौर पर किसी भी तरह का कार्यक्रम नहीं करने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि निजी तौर पर कार्यक्रम अपने घर में करते हैं तो करें. सूचना मिली थी कि मोहल्ले में ये लोग किसी कार्यक्रम को करने जा रहे थे, उसी दौरान हाथ में एक व्यक्ति के हाथ में तस्वीर थी, लोग उसके पीछे दौड़ रहे थे. किसी तरह का विवाद न हो, इस वजह से तस्वीर को ढकवा दिया गया था.

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