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साइना नेहवाल का आगे का सफ़र होगा कठिन : पूर्व कोच विमल कुमार

स्पोर्ट्स डेस्क : इस वर्ष साइना नेहवाल का ओलंपिक खेलने का सपना चकनाचूर हो गया है. इस बारे में पूर्व भारतीय बैडमिंटन कोच विमल कुमार का बोलना है कि कोरोना की वजह से ओलंपिक खेलने का सपना टूटने के बाद साइना का आगे का सफर कठिन है और उन्हें अपने करियर को विस्तार देने के लिए टूर्नामेंट चुनकर ही खेलने होंगे.

चोट और खराब लय से जूझ रही 31 वर्षीय साइना चौथा ओलंपिक नहीं खेल सकेंगी, क्योंकि बीडब्ल्यूएफ ने कोरोना की वजह से अंतिम तीन क्वालीफायर कैंसिल कर दिए. विमल ने एक समाचार एजेंसी से बोला कि वो 2005-06 में सुर्खियों में थीं और प्रकाश पादुकोण की वजह से खेल में अगली पीढी को प्रेरित करने वाली बन गयी.

वो लगातार अच्छा खेलीं और कई वर्ष तक खेलीं. ये दुखद है कि वह इस बार ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई. आखिरी दो मैचों में वो बदकिस्मत रहीं. साइना को दुनिया की नंबर एक रैंकिंग तक पहुंचाने वाले विमल का मानना है कि, लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक चैंपियन कुछ वर्ष और भारतीय बैडमिंटन को दे सकती है,

बशर्तें वो सही योजना बनाकर खेले और अपने शरीर का ध्यान रखे. उन्होंने बोला कि, वो कुछ वर्ष और खेल सकती हैं लेकिन ये कठिन होगा. उन्हें सही रणनीति बनाकर चुनिंदा टूर्नामेंट ही खेलने होंगे.

उनके पास इतना अनुभव है कि वो सर्वश्रेष्ठ प्लेयर्स को मात दे सकती है लेकिन उसे रैंकिंग पर ध्यान नहीं देना चाहिए क्योंकि सर्किट पर खेलते हुए चोटमुक्त रहना कठिन होगा.

विमल ने ये भी बोला कि वो लगातार चोटिल हो रही हैं. वैसे भी मेरा मानना है कि ओलंपिक अब उसकी प्राथमिकता नहीं होना चाहिए. साइना अपने करियर में 24 से अधिक इंटरनेशनल खिताब अपने नाम चुकी है जिनमें 11 सुपर सीरीज खिताब है.

इसके अलावा विश्व चैंपियनशिप में रजत और कांस्य और लंदन ओलंपिक 2012 में कांस्य पदक जीता है. बीजिंग ओलंपिक 2008 में क्वार्टर फाइनल तक पहुंची साइना रियो ओलंपिक 2016 में दूसरे दौर से बाहर हुई थीं.

घुटने की चोट से उबरकर लौटे हुए उन्होंने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मैडल जीता लेकिन पिछले दो वर्ष में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने से चूक गयी.

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