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गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की याचिका पर नोटिस जारी किया । न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और प्रशांत कुमार मिश्रा की ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में नोटिस जारी किया कि क्या राहुल गांधी की दोषसिद्धि को निलंबित किया जाना चाहिए या नहीं। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को तय की है।

राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया, क्योंकि गांधी संसद के चल रहे मानसून सत्र में शामिल नहीं हो सके और चुनाव आयोग कभी भी वायनाड निर्वाचन क्षेत्र के लिए उपचुनाव की घोषणा कर सकता है।

मानहानि मामले में शिकायतकर्ता भाजपा विधायक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कानून के सवालों और मामले से जुड़े तथ्यों पर अदालत की सहायता के लिए कम से कम 10 दिन का समय मांगा। यह मामला कर्नाटक के कोलार में 2019 की एक रैली से जुड़ा है, जहां राहुल गांधी ने कहा था: नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी। सभी चोरों का उपनाम ‘मोदी’ कैसे हो सकता है? इस टिप्पणी पर सूरत के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया।

गांधी को सूरत की एक अदालत ने दो साल की जेल की सजा सुनाई थी, जिसके कारण उन्हें संसद सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराया गया था। पिछली सुनवाई के दौरान जस्टिस प्रच्छक ने इस बात पर जोर दिया था कि जनता के निर्वाचित प्रतिनिधि होने के नाते राहुल गांधी को बयान देते समय अधिक सतर्क रहना चाहिए था।
इस साल की शुरूआत में, सूरत में सत्र न्यायालय ने राहुल गांधी की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा उनकी सजा को निलंबित करने की मांग की गई थी, जिसमें कहा गया था कि उनकी अयोग्यता से उन्हें अपरिवर्तनीय नुकसान नहीं होगा।

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