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सर्दियों से बचने के कुछ पुराने नुस्खे जो शरीर के लिए हो सकते हैं बेहद मददगार

-अतुल मलिकराम

सर्दियों की सर्द सुबह में सारी हिम्मत जवाब दे जाती है। ओस से भीगी रात, सुबह के पहर की गरमाहट को भी शायद थोड़ा खिसका देती है। कड़कड़ाती और कपकपाती सर्दी में कई लोग अपने आपको कई गर्म कपड़ों में ढंके तरह-तरह के लबादे ओढ़े नज़र आने लगते हैं। सर्दियों के आते ही लोग अलग-अलग तरह की तैयारी करने लगते है। सर्दियों में आप कान को ढँक कर और पैरों में मोज़े पहन कर रखें, आपको सर्दी काम लगेगी। आज के दौर में हमने ख़ुद को काफी सुविधाओं में जीना सीखा दिया है। हम फ़ौरन ही सर्दी से बचने के लिए ख़ुद को गर्म कपड़ों से ढँक लेते हैं। हमें थोड़ा अपने शरीर को भी सर्दी से लड़ने के लिए मज़बूत बनाना चाहिए।सर्दियों के वैसे काफी सारे नुस्खें होते हैं, जो दादी-नानियों ने शायद हमें विरासत में ही दिए हैं।

सर्दियों में रोज़ाना सरसों के तेल की मालिश कीजिये, सरसों के तेल की एक बून्द नाक में डालिये इससे आपकी इम्युनिटी मजबूत रहेगी, नाभि में कोई भी तेल जैसे नारियल का तेल या सरसों का तेल लगाए, तो सर्दियों में आपके होंठ नहीं फटेंगे, रोज़ाना 2 काली मिर्च का सेवन आपके पाचनतंत्र को दुरुस्त रखता है, खाने में हल्दी की थोड़ी मात्रा ज़रूर लीजिये, हल्दी एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और प्राकृतिक इम्यून बूस्टर है। खाना बनाने में जो खड़े गरम मसालों का उपयोग होता है, वह सदियों से यूँ ही नहीं चला आ रहा, उनसे भी शरीर में गर्माहट और कई सारे फायदे होते हैं। सर्दियों में तिल के लड्डू, गुड़ के पकवान शरीर को गर्मी प्रदान करते हैं अगर सर्दी-ज़ुकाम हो जाये तो रात को सोने से पहले खजूर का दूध पियें , हल्दी का दूध भी पी सकते हैं। अपने शरीर को कम्फर्ट जोन से बाहर निकालिये। इस तरह के नुस्खें आपको सर्दी से बचने में मदद करेंगे।

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