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जल्द ही रेलवे के बेड़े में पांच दर्जन से अधिक विस्टाडोम कोच होंगे शामिल

नई दिल्ली : रेल यात्रा के दौरान शीशे की छत और बड़े विंडो से शानदार नजारे का लुत्फ उठाने वाले यात्रियों में विस्टाडोम (पारदर्शी) कोच की मांग बढ़ने लगी है।
लिहाजा बढ़ती लोकप्रियता के कारण विस्टाडोम कोच का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। जल्द ही रेलवे के बेड़े में पांच दर्जन से अधिक विस्टाडोम कोच शामिल होंगे। इन कोचों का निर्माण रेलवे की तीन रेल कोच फैक्टरियों और वर्कशाप में किया जा रहा है। यह विस्टाडोम कोच ब्राडगेज और नैरो गेज लाइन पर चलने वाली हैं।

रेलवे ने कुछ वर्ष पहले शीशे की छतों, बड़े विंडो, रोटेबल सीटों, एलईडी लाइटों आदि से सुसज्जित सुविधाओं के साथ विस्टाडोम कोच का निर्माण किया था। इसका मुख्य उद्देश्य रेल यात्रा के दौरान यात्री प्राकृतिक छठा, बर्फबारी के साथ-साथ खूबसूरत प्राकृतिक नजारे का आनंद उठा सके।

शुरुआत में कुछ रेल मार्गो पर चलने वाली ट्रेनों में विस्टाडोम कोच को लगातार चलाया गया। धीरे-धीरे लोकप्रिय होती विस्टाडोम कोच की मांग बढ़ने लगी है।

लिहाजा मुंबई-पुणो, मडगांव, सकिंदराबाद, विशाखापट्टनम, अलीपुरद्वार, न्यू जलपाईगुड़ी, गुवाहाटी, अहमदाबाद, केवडिया, यशवंतपुर, मंगलोर, गांधीनगर, सिमोगा, कालका, शिमला, विलीमोरा, पठानकोट आदि स्टेशनों से चलने वाली करीब 23 जोड़ी ट्रेनो में 33 विस्टाडोम कोच लगाये जा रहे हैं। इन विस्टाडोम कोच में सफर के लिए यात्रियों में जबरदस्त मांग है।

रेलवे ने विस्टाडोम कोच की लोकप्रियता के कारण अन्य विस्टाडोम कोच का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। इन कोच से अत्यधिक यात्रा की मांग के कारण रेलवे की आय में भी इजाफा हो रहा है। यहां तक कुछ शताब्दी और जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों में विस्टाडोम कोच लगाये गये है।

रेलवे की कोशिश है कि मांग के अनुसार विभिन्न जोनल रेलवे को विस्टाडोम कोच उपलब्ध कराये जाएं ताकि वे अपने यहां से चलने वाली ट्रेनों में इसका उपयोग कर सकें। इसके मद्देनजर रेल कोच फैक्टरी, चेन्नई में 12 एलएचबी विस्टाडोम कोच का निर्माण किया जा रहा है।

यह शताब्दी और जनशताब्दी जैसी ट्रेनों में लगाया जा सकेगा। इसी तरह से रेल कोच फैक्टरी, कपूरथला में कालका-शिमला रेलवे के लिए 30 नैरो गेज विस्टाडोम कोच का निर्माण किया जा रहा है। पूर्वोत्तर सीमा रेलवे में दस नैरो गेज कोच को भी विस्टाडोम कोच में बदलने का कार्य चल रहा है।

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