हूती विद्रोहियों से निपटने के लिए श्रीलंका भेजेगा लाल सागर में नौ सैन्य जहाज
नई दिल्ली (विवेक ओझा): श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रम सिंघे ने कहा है कि श्रीलंका रेड सी ( लाल सागर) में यमन के हूती विद्रोहियों से निपटने के लिए अपने नौसैन्य जहाज वहां तैनात करेगा और ऐसा करते हुए भारत जैसे देशों के उस प्रयास से जुड़ेगा जिसके तहत हिंद महासागर के महत्वपूर्ण समुद्री व्यापारिक मार्गों की सुरक्षा की जानी है। हूती विद्रोहियों ( Houthi Rebel) लाल सागर, बाब अल मंदेव जलडमरूमध्य में वाणिज्यिक जहाजों को लूटने और उन्हें नष्ट करने की कोशिश में लगे हैं जो वैश्विक समुद्री व्यापार के लिए एक खतरा है।
हाल के कुछ सप्ताह में हूतियो ने रेड सी में करीब 20 मर्चेंट शिप्स पर हमले किए हैं। इसमें भारत का भी समुद्री व्यापारिक जहाज शामिल था। ईरान समर्थित यमन के हूतियों ने सबसे पहले सऊदी अरब से भारत के मंगलुरू कच्चा तेल ले कर आ रहे व्यापारिक पोत एमवी केएम प्लूटो पर अरब सागर में भारतीय तट के पास ड्रोन हमला किया था और उसके बाद दक्षिण लाल सागर में तेल से भरे समुद्री जहाजों एम वी साईबाबा और एमवी ब्लामानेन पर ड्रोन हमला किया गया था।
हिंद महासागर के समुद्री व्यापारिक मार्ग दुनिया के 80 प्रतिशत ऑयल ट्रेड के लिए केंद्रीय धुरी हैं और एनर्जी ट्रेड वाले देशों के लिए यह दुर्भाग्य रहा है कि हिंद महासागर हॉर्न ऑफ अफ्रीका, गल्फ ऑफ अदन, रेड सी क्षेत्र के कुछ अराजक तत्वों से प्रभावित होता रहा है। समुद्री डकैती और क्षेत्रीय राजनीति इन क्षेत्रों की एक पहचान बन गई है।
दुनिया की सबसे बड़ी कंटेनर शिपिंग कंपनियों मर्स्क , हापग लॉयड, और एमएससी की चिंताएं ऐसे घटनाक्रम से बढ़ गईं और पिछले कुछ सप्ताह में में रेड सी में समुद्री यातायात में 35 प्रतिशत की कमी भी देखी गई है। इससे ग्लोबल एनर्जी ट्रेड और सप्लाई बुरी तरह प्रभावित हो सकती है जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्फीतिकारी दबाव भी झेलना पड़ सकता है। इसलिए जब मर्स्क जैसी कंपनियों को रेड सी में मल्टीलैटरल सिक्योरिटी इनिशिएटिव “ ऑपरेशन प्रोस्पेरिटी गार्जियन “ की तैनाती का आश्वासन मिला तो इन कंपनियों ने रेड सी में फिर से व्यापारिक गतिविधियों को शुरू करने का निर्णय लिया है। दरअसल पश्चिमी देशों के नेतृत्व में यह पहल इसलिए शुरू किया गया है क्योंकि रेड सी और अदन की खाड़ी से गुजरने वाले जहाज एशिया को यूरोप और यूएस से कनेक्ट करते हैं।