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टीम वर्क से पाॅजिटिविटी और मृत्यु दर को नियंत्रित करने में सफलता : योगी

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बेहतर टीम वर्क की बदौलत सरकार ने कोविड-19 की पाॅजिटिविटी दर और मृत्यु दर को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की है।
श्री योगी ने बुधवार को यहां अपने सरकारी आवास पर वर्चुअल माध्यम से मिर्जापुर, भदोही, शामली, बरेली, अमेठी तथा सन्त कबीर नगर के छह एल-2 कोविड चिकित्सालयों का लोकार्पण करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने कोविड-19 की पाॅजिटिविटी दर और मृत्यु दर को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की। साथ ही, रिकवरी रेट को बेहतर करके आम जनमानस में विश्वास पैदा किया है। उन्होंने कहा कि यह सब प्रदेश में टीम वर्क से सम्भव हुआ।

उन्होंने कहा कि इस टीम वर्क का ही परिणाम है कि आज हम छह एल-2 कोविड चिकित्सालय प्रदेशवासियों की सेवा में समर्पित कर रहे हैं। पहले प्रदेश में 36 ऐसे जिले थे, जहां वेंटिलेटर या एचएफएनसी की कोई सुविधा नहीं थी। आज सभी 75 जिलों में वेंटिलेटर और एचएफएनसी की सुविधा उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक करोड़ से अधिक कोविड-19 के टेस्ट भी आज सम्पन्न हुए हैं, यह एक रिकाॅर्ड है। प्रत्येक जिले में एल-1 चिकित्सालय की श्रृंखला, एल-2 डेडिकेटेड कोविड चिकित्सालय की स्थापना और उच्च चिकित्सा संस्थान व मेडिकल काॅलेजों में एल-3 कोविड चिकित्सालय के निर्माण को तेजी से बढ़ाने का काम किया गया। उन्हाेंने कहा कि हमारे सामने चुनौतियां थीं। प्रदेश की 24 करोड़ आबादी को कोविड-19 के संक्रमण से बचाने के साथ ही टेस्टिंग क्षमता को विकसित करने की। जिस प्रदेश में टेस्टिंग की कोई क्षमता न रही हो, उस प्रदेश द्वारा आज डेढ़ लाख टेस्ट प्रतिदिन किये जाने की क्षमता का विकास यह दर्शाता है कि कोविड-19 हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर राज्य सरकार पूरी गम्भीरता से कार्य कर रही है।

श्री योगी ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े जिलों के जनप्रतिनिधियों/अधिकारियों से अपील की कि हमें हर हाल में संक्रमण को रोकना व सतर्क रहकर चेन को तोड़ना होगा, ताकि प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित रख सकें। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के उपचार का सबसे अच्छा तरीका बचाव है। सतर्कता ही इससे बचाव का सबसे बड़ा माध्यम है। सतर्कता के लिए प्रधानमंत्री द्वारा दिये गये मूलमंत्र ‘दो गज की दूरी मास्क है जरूरी’ का पालन करना अत्यन्त आवश्यक है। एल-2 और एल-3 कोविड अस्पतालों में वर्चुअल आईसीसू की भी व्यवस्था की गयी है। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में आमजन को गुणवत्तापरक चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है।

उन्होंने बताया कि मिर्जापुर के ट्राॅमा सेण्टर को पूर्ण रूप से सुसज्जित एल-2 कोविड चिकित्सालय के रूप में विकसित किया गया है। इसमें 50 शैय्याओं की सुविधा है, जिसमें 23 आईसीयू बेड, 18 वेंटिलेटर, पांच एचएफएनसी तथा ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है। इस चिकित्सालय में एक निश्चेतक, एक फिजीशियन, तीन एमबीबीएस चिकित्सक तथा 15 अन्य पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध है। श्री सिंह ने बताया कि भदोही औरई ट्राॅमा सेण्टर को पूर्णतः सुसज्जित कोविड चिकित्सालय के रूप में विकसित किया गया है। इसमें 100 शैय्या उपलब्ध है, जिसमें 15 आईसीयू बेड, 12 वेंटिलेटर, तीन एचएफएनसी उपलब्ध है। इस चिकित्सालय में दो निश्चेतक, दो फिजीशियन, तीन एमबीबीएस चिकित्सक तथा 11 अन्य पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध है। शामली में जिला संयुक्त चिकित्सालय को कोविड चिकित्सालय के रूप में विकसित किया गया है। इसमें 100 शैय्या उपलब्ध है, जिसमें 20 आईसीयू बेड, 14 वेंटिलेटर तथा एक वाईपेप उपलब्ध है। इस चिकित्सालय में दो निश्चेतक, एक फिजीशियन, एक बाल रोग विशेषज्ञ एमबीबीएस चिकित्सक तथा 11 अन्य पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध है।

उन्होंने बताया कि बरेली में 300 बेडेड चिकित्सालय को कोविड चिकित्सालय के रूप में विकसित किया गया है। इसमें एल-2 के लिए 136 शैय्या उपलब्ध है, जिसमें 19 आईसीयू बेड, 14 वेंटिलेटर तथा पांच एचएफएनसी उपलब्ध है। इस चिकित्सालय में दो निश्चेतक, दो फिजीशियन, 11 एमबीबीएस चिकित्सक तथा 35 अन्य पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध है। अमेठी में मलिक मोहम्मद जायसी संयुक्त जिला चिकित्सालय को एल-2 कोविड चिकित्सालय के रूप में विकसित किया गया है। इसमें एल-2 के लिए 102 शैय्या उपलब्ध है, जिसमें 12 आईसीयू बेड, 10 वेंटिलेटर तथा दो एचएफएनसी उपलब्ध है। इस चिकित्सालय में पांच निश्चेतक, तीन फिजीशियन, ती एमबीबीएस चिकित्सक तथा 18 अन्य पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध है। श्री सिंह ने बताया कि सन्त कबीर नगर में एमसीएच विंग को एल-2 कोविड चिकित्सालय के रूप में विकसित किया गया है। इसमें एल-2 के लिए 50 शैय्या उपलब्ध हंै, जिसमें 14 आईसीयू बेड, 11 वेंटिलेटर तथा तीन एचएफएनसी उपलब्ध हें। इस चिकित्सालय में तीन निश्चेतक, दो फिजीशियन, दो बाल रोग विशेषज्ञ तथा एक एमबीबीएस चिकित्सक तथा 23 अन्य पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध हैं।

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