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बाबा गरीबनाथ मंदिर के समीप नहीं बजेगा डीजे, आरडीएस कॉलेज में 15 हजार भक्तों के लिए टेंट सिटी

मुजफ्फरपुर : कोरोना काल के दो साल बाद आयोजित हो रहे श्रावणी मेले की तैयारी जोरों पर है। भक्तों के साथ साथ मंदिर के पुजारी, पंडित और कारोबारियों में भी गजब का उत्साह हगै। श्रावण मास में बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बाबा गरीबनाथ मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु जल चढ़ाते हैं। कोरोना काल के दो साल में यहां शिवभक्त श्रद्धालुओं को जल अर्पित करने की अनुमति नहीं थी। हर साल सावन के महीने में करीब 13 से 14 लाख श्रद्धालु राज्य के विभन्नि जिलों से आकर बाबा गरीबनाथ को जलार्पण करते थे। इस साल शिवभक्तों की संख्या में भारी वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है। यही कारण है कि दो साल बाद इस बार फिर से श्रावणी मेले की तैयारी में काफी सतर्कता बरती जा रही है। भारी भीड़ के अमुमान के मद्दनेजर गाडलाईन भी ठोस बनाए जा रहे हैं। भक्तों के ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने की तैयारी की जा रही है।

दो साल बाद आयोजित हो रहे श्रावणी मेले को लेकर शिवभक्तों में तो उत्साह है ही, सेवादार के रूप में अपना सहयोग देने वाले कई संगठन भी तैयारी में जुटे हैं। गुरुवार को इसको लेकर एसडीओ पूर्वी ज्ञानप्रकाश ने विभन्नि सेवा संगठनों के साथ बैठक की। साथ ही कई तरह के गाइडलाइन भी जारी किए। इसके तहत मंदिर परिसर के 500 मीटर की दूरी में कोई भी संगठन डीजे या अन्य साउंड सिस्टम का उपयोग नहीं कर पाएंगे। 500 मीटर की दूरी में केवल जिला प्रशासन के नियंत्रण कक्ष द्वारा सूचनाओें की उद्घोषणा के लिए ही माइक का उपयोग होगा। इसके अलावा जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए रूट से ही आकर जल चढ़ाने की व्यवस्था होगी। सेवा संस्था के लोग या परिचितों को भी वही रूट फॉलो करना होगा। वहीं, सेवा दल के सदस्यों की ओर से पर्याप्त संख्या में शौचालय और पानी के टैंकरों की व्यवस्था कराने की अपील की गई।

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