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देश की पहली रैपिड ट्रेन पटरी पर उतरी, सफर ऐसा रैपिड ट्रेन हवाई जहाज जैसा नई

दिल्ली ; देश की पहली रैपिड ट्रेन भारत सरकार को सौंप दी गई है। इसका रनिंग रूट भी तैयार कर लिया गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम यानी NCRTC ने इसका ट्रायल रन अगस्त में तय किया है। दिल्ली से मेरठ तक पूरा कॉरिडोर 2025 तक बनने की संभावना है। ये ट्रेन पूरी तरह से मेड इन इंडिया है। 180 किमी/घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली ये ट्रेन फेज-1 में साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक 17 किमी एरिया में चलाई जाएगी। महज 62 मिनट में दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए ये मेरठ पहुंचेगी। यानी कुल-मिलाकर इसे हम बुलेट ट्रेन का ट्रेलर मान सकते हैं।

रैपिड ट्रेन का कुल बजट :

7 मई को ट्रेन का पहला सेट NCRTC को सौंपा गया। 8 मार्च 2019 में पीएम मोदी ने प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। रैपिड ट्रेन का निर्माण गुजरात के सांवली से किया गया है।

गुजरात में अल्सटोम कंपनी ने ट्रेन के डिब्बे तैयार किए हैं। इस प्रोजेक्ट का कुल बजट 30,274 करोड़ रूपए का है।

रैपिड रेल की मेट्रो से तीन गुना रफ्तार

मुरादनगर डिपो के अभियंता ने बताया कि गाजियाबाद से मेरठ के बीच रैपिड रेल के पिलर बन चुके हैं. उन पर पटरियां बिछाने का काम तेजी से चल रहा है. रैपिड रेल, मेट्रो रेल से तीन गुना रफ्तार (180 किलोमीटर प्रति घंटा अधिकतम) से चलने वाली है.

रैपिड ट्रेन की सुविधाएं :

— रैपिड ट्रेन में ऑन बोर्ड वाई फाई की भी सुविधा उपल्ब्ध है।
— ट्रेन में एंट्री क्यू आर कोड के स्कैनिंग के बाद ही मिलेगी।
— हर सीट पर इंफोटेनमेंट डिस्प्ले और लैपटॉप चा​र्जिंग को सैटअप होगा।
— ट्रेन 180 किमी की रफ़्तार से चलेगी।
— एक कोच ​महिला यात्रियों के लिए रिज़र्व होगा।
— इसमेंं बिजनेस क्लास एक्सपीरियंस की सीटों की जगह सोफें और कॉफी मशीनें होंगी।

रैपिड ट्रेन होगा पर्यावरण सं​तुलित :

— दिल्ली मेरठ रूट पर चलने वाले 1 लाख वाहनों का दबाव कम होगा।
— हर साल 2.50 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा।
— ट्रेन हर साल वायुमंडल से 60 हजार टन पीएम 2.5 कण कम करेगी।

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