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कोरोना की दूसरी लहर के वक्त से गायब कैंसर रोगी महिला का पति, जांच में जुटी डीसीडब्ल्यू

नई दिल्ली: दिल्ली में एक कैंसर रोगी महिला मीना (बदला हुआ नाम) ने दिल्ली महिला आयोग को अपने पति के बीते 6 महीने से गायब होने की शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में आयोग ने कार्रवाई करते हुए उसके पति को ढूंढना शुरू कर दिया है। महिला ने दिल्ली पुलिस और अस्पताल अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप भी लगाया है। महिला के अनुसार, उसका पति इस वर्ष 12 अप्रैल से लापता है जिसका आज तक कुछ पता नहीं चल सका है। महिला ने पति के लापता होने के लगभग 15 दिनों के बाद ही दिल्ली पुलिस को सूचित किया था।

आयोग के मुताबिक, उसके पति को इस वर्ष 13 अप्रैल को पंजाबी बाग से एक पीसीआर वैन ने बेहोशी की हालत में पाया था जिसे आचार्य श्री भिक्षु अस्पताल ले जाया गया और कोरोना जांच कराई गई। हालांकि जांच में संक्रमित पाए जाने के बाद उसके पति को एम्बुलेंस के माध्यम से एलएनजेपी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। महिला जब अपने पति से मिलने लोक नायक अस्पताल पहुंची, तो उसको वहां भी अपने पति की कोई जानकारी नहीं मिली।

महिला के अनुसार, तब से लेकर अब तक उसको अपने पति का कोई पता नहीं चल सका है। वही दूसरी ओर लोक नायक अस्पताल से आयोग को ये सूचना मिली है कि अस्पताल में तो उस व्यक्ति के नाम का कोई पेशेंट ही नही आया और उनके पास उसका कोई रिकॉर्ड भी उपलब्ध नहीं है। इसलिए आयोग ने मामले की तह तक जाने के लिए विशेष जांच शुरू की है और सभी संबंधि विभागों को नोटिस जारी किए है।

आयोग ने नोटिस द्वारा मामले से संबंधित सभी विभागों को उस व्यक्ति का जल्द से जल्द पता लगाने में जुट जाने को कहा गया है। डीसीडब्ल्यू ने इस मामले में दोनो अस्पतालों, कैट एम्बुलेंस और पुलिस से एक विस्तृत जवाब मांगा है।

आयोग ने कैट्स एम्बुलेंस से यह भी पूछा है कि अगर उन्होंने मरीज को अस्पताल के बाहर छोड़ दिया, तो ऐसा किसके आदेश पर किया गया ? आयोग ने दिल्ली पुलिस से उस व्यक्ति के वर्तमान ठिकाने को ढूंढने और मामले में पुलिस की भूमिका का विवरण भी मांगा है। मामले का गहन संज्ञान लेते हुए डीसीडब्ल्यू ने एलएनजेपी से उस व्यक्ति को भर्ती करने से कथित रूप से इनकार करने और पूरी जांच करने और आयोग को जल्द से जल्द सूचित करने को कहा है।

डीसीडब्ल्यू की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने कहा, मैं महिला से मिली और मुझे दुख हुआ की कैंसर की मरीज होने के बावजूद उसे अपने पति को खोजने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। हमने मामले की विशेष जांच शुरू कर दी है। स्वाति मालीवाल ने कहा, मैं स्वीकार करती हूं कि यह घटना कोविड लहर के दौरान हुई थी जब सब बड़ी आपदा से जूझ रहे थे। मैं ये भी मानती हूं की इस मामले में जवाबदेही तय करने की जरूरत है और महिला को यह जानने का अधिकार है कि उसका पति कहां है और उसके साथ आखिर क्या हुआ? न्याय के लिए उनके संघर्ष में आयोग उनकी पूरी सहायता और मदद करे।

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