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पैराडिप्लोमेसी का धामी विजन हो रहा साकार, जापान ने दी बड़ी सहायता

देहरादून ( दस्तक ब्यूरो) : जब भी भारत के किसी देश के साथ मजबूत साझेदारी की बात की जाती है तो उसमें सबसे प्राथमिक नाम में से जापान पहले आता है। जापान ने हर मुश्किल घड़ी में भारत का साथ दिया है और आर्थिक स्तर पर साल 1958 से ही वह अपनी येन मुद्रा में भारत को लोन दे रहा है। भारत जापानी ऑफिशियल डेवलपमेंट असिस्टेंस का सबसे बड़ा प्राप्त करता है। यानी जापान के बजट का एक हिस्सा भारत को सहायता के लिए मिलता है।

अब जापान सरकार ने 232.209 अरब जापानी येन की आधिकारिक विकास सहायता देने के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की है । सबसे खास बात इसमें उत्तराखंड के लिहाज़ से ये है कि जिन 9 परियोजनाओं की इसमें बात की गई है उसमें उत्तराखंड की भी परियोजना शामिल है। जापान सरकार उत्तराखंड में शहरी जल आपूर्ति प्रणाली में सुधार के लिए परियोजना को वित्त पोषित करेगी। उत्तराखंड की इस परियोजना को 16.21 अरब जापानी येन की सहायता मिलेगी।

यह उत्तराखंड की धामी सरकार का विजन ही है जिससे अब राज्य में विकास की सकारात्मक परिस्थितियों को बनाने में वैश्विक स्तर पर सहयोग मिल रहा है। उत्तराखंड के सीएम धामी पाराडिप्लोमेसी की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और विभिन्न देशों से प्रत्यक्ष संपर्क स्थापित कर उत्तराखंड के लिए नई सौगातें इकट्ठा कर रहे हैं।

आपको बता दें कि पिछले साल ही मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फिक्की फोरम ऑफ पार्लियामेंटेरियन्स की ओर से जापानी दूतावास के सहयोग से आयोजित संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया था। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जापानी प्रतिनिधिमण्डल का जापानी भाषा से शुरूआत कर स्वागत किया था। इस दौरान राज्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर जापान और उत्तराखंड के बीच पार्टनरशिप को बढ़ाने के लिए चर्चा हुई थी। निश्चित रूप से धामी जी के इस कार्यकुशलता को अब जापान ने पहचान दी है।

पूर्ववर्ती सरकारों में उत्तराखंड को छोटे राज्य के नाम पर वैश्विक आर्थिक सहयोग राशियों में हिस्सा नहीं मिलता था लेकिन धामी सरकार ने ऐसी लकीर खींच दी है कि अब दुनिया के देश और संगठनों की निगाह से देवभूमि उत्तराखंड अछूता नहीं रह गया है।

राम कुमार सिंह, मुख्य संपादक, दस्तक टाइम्स

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