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मक्खन जैसे डेयरी उत्पादों के आयात की कोई योजना नहीं, किसानों को यहीं मिल रहे हैं अच्छे दाम

नई दिल्ली : डेयरी उत्पादों के आयात की चर्चा के बीच केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला ने कहा, मक्खन जैसे डेयरी उत्पादों का आयात नहीं किया जाएगा। इन चीजों की आपूर्ति बढ़ सके, इसके लिए सरकार घरेलू क्षेत्र की मदद लेगी। एक कार्यक्रम में शुक्रवार को पुरूषोत्तम रूपाला ने कहा, मांग बढ़ गई है। डेयरी उत्पादों की किल्लत की खबरें पूरी तरह से गलत हैं। देश में दूध की कमी नहीं है और सरकार इस ओर नजर बनाए हुए है।

उन्होंने कहा, हमारे यहां अप्रयुक्त क्षेत्र बड़ा है, जिसका लाभ उठाने का प्रयास किया जाएगा। हम उचित प्रबंध करेंगे। इन उत्पादों के खुदरा दामों की चिंता नहीं की जानी चाहिए। किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं। बीते सप्ताह केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा था कि घरेलू बाजार में मक्खन के बढ़ते दाम को थामने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।

इंडियन आइसक्रीम मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने कहा है कि कारोबारी आइसक्रीम में भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक (FSSAI) के निर्धारित नियमों के तहत मानक का पूरी तरीके से पालन करें। आइसक्रीम में दूध और दूध से बने अन्य उत्पादों का उपयोग होता है। साथ ही जमे हुए दूध उत्पादों जैसे कुल्फी में भी दूध होता है। इसमें मिल्क फैट और मिल्क सॉलिड हो सकते हैं।

एसोसिएशन के प्रेसीडेंट सुधीर शाह ने शुक्रवार को कहा, इस समय सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है और इसमें दावा है कि आइसक्रीम हानिकारक है, लेकिन ऐसा नहीं है। जमे हुए मिठाई में वसा मुख्य रूप से वनस्पति तेल से आती है। वनस्पति तेल सुरक्षित है जिसका उपयोग कई खाद्य उत्पादों में किया जाता है।

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