स्वास्थ्य

ब्रेन ट्यूमर जैसे के खतरे को कम करे ये प्राणायाम

ब्रेन ट्यूमर एक खतरनाक बीमारी मानी जाती है। इससे पुरे शरीर पर प्रभाव पड़ता है। वो इसलिए क्योंकि मस्तिष्क ही पूरे शरीर को संचालित करता है। ब्रेन ट्यूमर की समस्या होने पर मस्तिष्क में कोशिकाओं का जमाव हो जाता है। कोशिकाओं के तेजी से बढ़ने और जमने के कारण ट्यूमर जानलेवा हो जाता है। आइये जानते है कुछ ऐसे योगासनों के बारे में जिसके अभ्यास से ब्रेन ट्यूमर के खतरे को कम किया जा सकता है-

वज्रासन के अभ्यास से हृदयगति नियंत्रण में रहती है। यह आसन स्ट्रेस हार्मोन ‘कॉर्टिसोल’ को घटाकर तनाव कम करता है। इसके अभ्यास से जांघों और पिंडलियों की नसें-मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। वज्रासन का अभ्यास करने के लिए आप फर्श पर दोनों पैरों को को सामने की ओर फैलाकर सीधे बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों को कुल्हे के पास ले जाकर फर्श पर टिकाएं। इस दौरान एक बात का जरूर ध्यान रखें कि शरीर का पूरा भार हाथों पर न आए। अब अपने दोनों को पैरों को बारी-बारी से मोड़ते हुए कुल्हों के नीचे रखें। सुनिश्चित करें कि दोनों जांघें और पैर के अंगुठे आपस में सटे हों।

भ्रमण प्राणायाम मुख्य रूप से सांस लेने-छोड़ने से संबंधित होता है। इसे ब्रीदिंग तकनीक भी कह सकते हैं। इसे करना बहुत सरल है। इसे करने के लिए जब आप टहलते हैं, तब उस समय करें। टहलने के दौरान शरीर को सीधा रखते हुए सांस धीरे-धीरे लें। जब अच्छी तरह से गहरी सांस ले लें, तो उसके बाद सांस छोड़ दें। ध्यान रहे कि सांस लेने से ज्यादा समय आपको सांस छोड़ते समय लगाना है। सांस को 5 से 7 कदमों के बीच तक अंदर ही रोके कर रखें और फिर धीरे-धीरे सांस को छोड़ें। इस प्रक्रिया को कम से कम 10 बार जरूर दोहराएं। यह प्राणायाम नकारात्मक भावनाएं जैसे क्रोध, झुंझलाहट, निराशा और चिंता से मुक्त करता है। एकाग्रता, स्मृति और आत्म विश्वास को बढ़ाता है।

ताड़ासन हमारे शरीर की मांसपेशियों को लचीला बनाता है। इस आसन के दौरान गहरी सांस लेने के कारण फेफड़ा फैलता है और इसकी सफाई हो जाती है। ताड़ासन करने से एक्रगता बनी रहती है। यही नहीं, इस आसन को करने से श्वास सतुंलित रहती है। आसान को करने के लिए सबसे पहले आप खड़े हो जाएं। ध्यान रहे कि इस आसान को करते समय कमर और गर्दन झुकनी नहीं चाहिए। अब अपने दोनों हाथों को ऊपर करें और धीरे-धीरे सांस लेते हुए शरीर को खीचें। इस आसान को आप 2-4 मिनट तक करें और फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।

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