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Tokyo Olympics: तैयारी के कारण पिता को आखिरी बार भी नहीं देख पाईं वंदना कटारिया, अब मेडल से देना चाहती हैं श्रद्धांजलि

नई दिल्ली. भारतीय महिला टीम (Indian womens hockey team) ने करो या मरो मुकाबले में साउथ अफ्रीका को 4-3 से हरा दिया है. भारतीय टीम क्‍वार्टर फाइनल में पहुंच गई है. करो या मरो मुकाबले में भारत की तरफ से वंदना कटारिया (Vandana Katariya) ने तीन और नेहा गोयल (Neha Goyal) ने एक गोल दागा. वंदना कटारिया पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं जिन्होंने ओलंपिक के किसी मैच में हैट्रिक लगाई हो.

भारत की यह जीत पूरी तरह से वंदना के नाम रही, मगर उनके लिए यहां तक पहुंचना कतई आसान नहीं था. टोक्‍यो ओलंपिक की तैयारी के लिए कारण वो अपने पिता को आखिरी बार देख भी नहीं पाई थीं और अब वंदना मेडल जीतकर अपने पिता को श्रद्धांजलि देना चाहती हैं.
3 महीने पहले वंदना के पिता का हुआ था निधन

वंदना के पिता नाहर सिंह कटारिया रेसलर थे. 3 महीने पहले ही उन्होंने दुनिया को अलविदा क‍ह दिया था. उस समय ट्रेनिंग के चलते वंदना अपने पिता को आखिरी बार भी नहीं देख पाई थी. शनिवार को वंदना ओलंपिक में हैट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय महिला बनी.

वंदना के भाई ने बताया कि वह 9 भाई बहन हैं. अक्‍सर दादी वंदना को घर के कामों में और खाना बनाने पर ध्‍यान लगाने के लिए कहती थीं, मगर उनके पिता हमेशा अपनी बेटी को सपोर्ट करते थे. वंदना ने मुकाबले में चौथे, 17वें, 49वें मिनट पर गोल दागा. इस ओलंपिक में टीम की यह दूसरी जीत है. इससे पहले 1980 में ओलंपिक में दो मुकाबले जीते थे.

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