यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : सीएम योगी बोले- भाजपा छोड़कर भागे छुट भइयों को सीट बचाने के लाले
लखनऊ: पूर्वाचल की ओर बढ़ते चुनावों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवर और तीखे हो गए हैं। उन्होंने न केवल 80 प्रतिशत सीटें जीतने का दावा किया बल्कि भाजपा के बागियों पर भी तीखा प्रहार किया। आईएएनएस से एक विशेष वार्ता में उन्होंने साफ तौर पर दावा किया है कि चुनाव में 80 प्रतिशत सीटें भाजपा जीतेगी और जो पार्टी छोड़कर छुट भइया नेता भागे हैं उन्हें अपनी सीट बचाने के लाले पड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रवाद, विकास और सुशासन के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं। जातिवाद, परिवारवाद, संप्रदायिकता और भ्रष्टाचार को जनता 2014 में ही तिलांजलि दे चुकी है। जो लोग भाजपा छोड़कर गए हैं, उन छुट भइया नेताओं के लिए जनता में अब कोई जगह नहीं है। इन लोगों को अपनी सीट बचाने के लाले पड़े हैं। अगर उनका जनाधार था तो उन्हें अपनी परंपरागत सीट से चुनाव लड़ना चाहिए। जैसे मैं लड़ रहा हूं। सब अपनी-अपनी सीट बदल कर भाग रहे हैं।
योगी सरकार में अपराधियों की जाति देखकर कार्रवाई होती है, विपक्ष के इस आरोप पर मुख्यमंत्री योगी ने पलटकर सवाल किया कि कैराना, रामपुर, और मऊ तक पेशेवर अपराधियों को किसने टिकट दिया है। उन्होंने कहा कि सपा का चेहरा आज समाजवादी नहीं रहा, वह माफियावादी, दंगावादी और परिवारवादी पार्टी है।
सपा द्वारा राशन देने की घोषणा पर उन्होंने कहा, “उनके चार बार के कुशासन को उत्तर प्रदेश भूला नहीं है। खाद्य घोटाला उन्हीं के समय हुआ था। उस समय गरीबों का राशन इनके गुंडे हड़प जाते थे। जब वे समान्य राशन नहीं दे पाए तो नि:शुल्क कहां से देंगे। जनता इनके कार्यो और कारनामों को देख चुकी है। अब कोई इनके बहकावे में नहीं आएगा।”
सपा के घोषणा पत्र में मंदिर के विकास और मठों को धनराशि देने के सवाल पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “अयोध्या के संत, भारत की जनता और रामभक्त सपा के समय के गोलीकांड को भूले नहीं हैं। सच्चाई यह है कि इनका नाम समाजवादी है लेकिन काम दंगावादी है और सोच परिवारवादी हैं। समग्र और सर्व समावेशी सोच इनकी है ही नहीं, तो विकास, सुशासन और कानून का राज स्थापित करना उनके लिए दिवास्वप्न जैसा है।”
यह पूछने पर कि विपक्ष गठबंधन बनाकर भाजपा को हराने का प्रयास कर रहा है और इसमें ममता भी सहयोगी बन रही हैं, इसके जवाब में योगी ने कहा कि सबसे बड़ा गठबंधन 2019 में सपा, बसपा और रालोद का था। तब भी भाजपा को 80 प्रतिशत सीटें मिली थीं। आज तो इतना बड़ा गठबंधन भी नहीं और दूसरी तरफ डबल इंजन की सरकार को जनता ने बहुत नजदीक से देख लिया है।
भाजपा सबका साथ सबका विकास की बात करती है लेकिन एक भी टिकट मुस्लिमों को नहीं दिया, इस सवाल पर योगी ने कहा कि चुनाव जनता के समर्थन और जनविश्वास पर आधारित होता है। जो भाजपा में चुनाव के लिए आवेदन करते हैं, संगठन द्वारा जनपद और क्षेत्र स्तर पर उनकी समीक्षा के बाद संस्तुति होती है। जो जनविश्वास पर खरे उतरते हैं, उन्हें टिकट मिलते हैं।
क्या इस चुनाव में मुस्लिम वोट भाजपा को मिल रहा है, इस सवाल पर योगी ने कहा, “एक सच्चाई है कि तीन तलाक जैसी कुप्रथाओं से मुस्लिम महिलाओं को मुक्त कराने में प्रधानमंत्री का बहुत बड़ा योगदान है। गैस कनेक्शन, प्रधानमंत्री आवास और डबल डोज राशन की व्यवस्था जैसी तमाम सुविधाओं का मुस्लिम समाज को लाभ मिला है। जाति मजहब से उपर उठकर सभी लोगों ने पहले दो चरणों में भाजपा के पक्ष में वोट किया है। वही ट्रेंड बना है। कुछ जगह पर कट्टरपंथी तत्व महिलाओं को मतदान करने से रोक रहे हैं, चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए।”
चुनाव में सपा, बसपा और कांग्रेस को कहां देख रहे हैं, इस सवाल पर उन्होंने इस दावे को फिर दोहराया कि 80 प्रतिशत सीटें भाजपा जीतेगी, बांकी 20 फीसद के लिए तीनों पार्टियां त्रिकोणात्मक संघर्ष कर रही हैं।
आवारा पशुओं की समस्या पर उन्होंने कहा, “राज्य में 5500 गो आश्रय स्थल खोले हैं। आवारा पशु राज्य में इसलिए बढ़े हैं क्योंकि ये दूध कम मात्रा में देती हैं। नस्ल सुधार पर काम कर रहे हैं। हर गौशाला को ऊर्जा से जोड़ रहे हैं। प्राकृतिक खेती में गोवंश की बड़ी भूमिका होगी। डबल इंजन की सरकार इस समस्या का समाधान करेगी। हम गोवंश को कटने नहीं देंगे और किसान की फसलों को भी बचाएंगे।”
चुनाव से पहले जिन्ना और अब हिजाब का मुद्दा गरमाया है, इस पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “विकास और सुशासन से ध्यान बांटने के लिए सपा ने लौह पुरूष सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर सरदार पटेल की जगह जिन्ना को सम्मान देने का कुत्सित प्रयास किया। यह भारत के स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है। जब हम लोग प्रदेश के गन्ना किसानों को दी जाने वाली योजनाओं की चर्चा कर रहे थे, तो सपा के लोग जिन्ना को महिमा मंडित कर रहे थे। जब हम गांव गरीब विकास की बात कर रहे थे। तब ये लोग पाकिस्तान का राग अलाप रहे थे। दरअसल विकास और सुशासन के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की शरारत लगातार सपा कर रही है।”
पुरानी पेंशन बहाली और बिजली के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पेंशन स्कीम सपा सरकार ने ही लागू किया था। उसके बाद सपा ने आठ वर्ष तक शासन किया। उन्होंने कर्मचारियों के साथ अन्याय किया है। उन्होंने कर्मचारियों का अंशदान भी जमा नहीं किया और न ही किसी का अकांउट खोला। जिनके समय में यूपी में बिजली नहीं मिलती थी, अब वे जनता का ध्यान बांटने के लिए 300 फ्री यूनिट बिजली की बात कर रहे हैं। उनके बहकावे में कोई नहीं आएगा। कर्मचारी जानते हैं कि भाजपा सरकार में पारदर्शी व्यवस्था के साथ काम करने का अवसर मिला। कोरोना काल में उनका टीए-डीए भी नहीं कटा। कर्मचारी पूरी तरह भाजपा के साथ हैं।