उत्तर प्रदेशराज्य

UP : अब पानी भरने से मिली बच्चों को मुक्ति, हर घर जल पहुंचने से उम्मीदों को लगे पंख

ललितपुर : ललितपुर के निदौरा पंचायत के हंसारी गांव तक जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना का लाभ पहुंचने लगा है। नल से स्वच्छ जल पहुंचने से ग्रामीणों में खुशी है। उनमें इस बात की उम्मीद जागी है कि उनकी आने वाली पीढ़ी स्कूल जा सकेगी और शिक्षित बन सकेगी। गांव के लोग कहते हैं कि हर घर जल पहुंचने के बाद उनके गांव की तरक्की के रास्ते खुल गए हैं। रोहिनी बांध डब्ल्यूटीपी से हंसारी गांव तक पानी लाया गया और गांव में ही 100 केएल क्षमता की पानी टंकी बनाई गई। यहां से हंसारी और लिदौरी गांव को पेयजल की सप्लाई भी शुरू कर दी गई है।

अब गांव में रहने वाले 260 से अधिक परिवारों को पीने का स्वच्छ पानी मिल रहा है। ग्रामीणों की मानें तो दूर-दूर से पानी भरकर लाने की वजह से पहले लोग पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते थे । बच्चे स्कूल भी समय से नहीं पहुंचते थे। बरसात में कई बार पानी भरकर लाने में गगरी टूट जाती थी, फिसल कर महिलाएं और बच्चे चोटिल होते थे। पानी के कारण बीमारी भी गांव में रहती थी। पर, हर घर तक जल पहुंचने के बाद 10वीं कक्षा की खुशबू की उम्मीद जग गई है। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन की योजना से घर-घर तक नल से जल मिलने से अब उनकी पढ़ाई आसानी से पूरी हो रही है। वो समय पर स्कूल जाती हैं। आज पीने के पानी की विकट परिस्थितियां सुलभ हो गई हैं।

गांव के बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि पानी भरने जाने में ही उनका बचपन बीत गया। बेटी हो या बेटा पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते थे। बबलू राजा बुंदेला जैसे गांव के कई लोगों की आधी उम्र बीत चुकी है। परिवार बड़ा होने के कारण और पीने के पानी की उचित व्यवस्था न होने के कारण लोग पानी की व्यवस्था में ही लगे रहते थे। बचपन कब गुजर गया उनको पता ही नहीं चला। अब हर घर जल पहुंचने से सभी को राहत मिली है और इस बात की उम्मीद भी जगी है कि अब आने वाली पीढ़ी का भविष्य भी उज्जवल बन सकेगा। नमामि गंगे ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव द्वारा समय-समय पर हर घर जल योजना के कार्यों की समीक्षा व निरीक्षण का परिणाम है कि यूपी में जल जीवन मिशन तेज गति से आगे बढ़ रहा है।

समर सिंह, निवासी हंसारी गांव का कहना है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का बहुत बहुत धन्यवाद। अब हमारे बच्चे, नाति-पोते जो पानी भरने के कारण अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते थे, अब अपनी पढ़ाई भी पूरी करेगें और गांव की तरक्की के रास्ते भी खोलेंगे। यहीं की कपर्ूी बाई कहती हैं कि कुंओं या फिर तालाबों से ही पानी भरा जाता था। हैण्डपम्प लगे लेकिन गर्मियों में वो भी सूख जाते थे। खारा और गंदे पानी से लोग बीमार होते थे। पर, हर घर जल पहुंचने से अब काफी राहत मिली है।

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