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चिन्मयानंद केस : पीड़िता ने कोर्ट में बदला बयान, जानिये क्या कहा ?

चिन्मयानंद केस : पीड़िता ने कोर्ट में बदला बयान, जानिये क्या कहा ?

लखनऊ: वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली कानून की छात्रा ने अदालत में अपना बयान बदल दिया। पीड़िता विशेष एमपी-एमएलए अदालत में अपने पुराने बयान से मुकर गयी।

सुनवाई के दौरान छात्रा ने कहा कि उसने ऐसा कोई इल्जाम नहीं लगाया जिसे अभियोजन पक्ष आरोप के तौर पर पेश कर रहा है। इससे नाराज अभियोजन पक्ष ने आरोपों से मुकरने पर छात्रा के खिलाफ कार्रवाई के लिए अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 340 के तहत एक अर्जी दाखिल कर दी है।

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एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने अभियोजन पक्ष को यह अर्जी दर्ज करने का आदेश दिया। साथ ही इसकी प्रतिलिपि पीड़िता व अभियुक्त को देने का भी आदेश दिया, जिससे कि वे इस पर अपना जवाब भी सामने रख सकें। अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होनी है।

मामले में पिता ने दर्ज कराई थी पहली एफआईआर

इस मामले में पहली एफआईआर पिछले साल, 27 अगस्त, 2019 को अन्तःवासी छात्रा के पिता ने शाहजहांपुर कोतवाली में दर्ज कराई थी। एफआईआर में कहा गया था कि  ‘एलएलएम कर रही उनकी पुत्री कालेज के हास्टल में रहती थी। 23 अगस्त से उसका मोबाइल बंद है। मैंने उसका फेसबुक वीडियो देखा।

उसमें स्वामी चिन्मयानंद व कुछ अन्य लोग दिख रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि मेरी पुत्री के साथ कोई अप्रिय घटना करके कहीं गायब कर दिया गया है। जब मैंने स्वामी से मोबाइल पर सम्पर्क किया तो उन्होंने सीधे मुंह बात नहीं करके मोबाइल बंद कर लिया। मेरी पुत्री के कमरे में ताला बंद है।’ यह सभी आरोप छात्रा के पिता ने पहली एफआईआर में लगाए थे।

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जानिये कोर्ट में दाखिल अर्जी में क्या कहा गया

सरकार के वकील अभय त्रिपाठी ने अपनी अर्जी में कहा कि पांच सितंबर, 2019 को पीड़िता ने स्वयं इस मामले की शिकायत नई दिल्ली के लोधी कालोनी थाने में दर्ज कराई। इस एफआईआर को उसके पिता की ओर से शाहजहांपुर में दर्ज कराई गई पहली एफआईआर के साथ संबद्ध कर दिया गया।  

एसआईटी ने चिन्मयानंद मामले की जांच में सीआरपीसी की धारा 161 के तहत पीड़िता का बयान भी दर्ज किया। इसके बाद शाहजहांपुर में संबधित मजिस्ट्रेट के समक्ष भी उसका कलमबंद बयान दर्ज हुआ। दोनों बयानों में उसने एफआईआर में वर्णित घटना को सही ठहराया था। लेकिन बीते नौ अक्टूबर को अदालत में इस मामले की गवाही के दौरान उसने जानबूझकर अपना बयान बदल दिया।

बयान बदलते हुए छात्रा ने कहा कि,  मैंने अराजक तत्वों के दबाव में यह सब किया था। ऐसा प्रतीत होता है कि उसके व अभियुक्त के मध्य कोई समझौता हो गया है। इसलिए  उसके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत विधिक कार्यवाही की जा रही है।

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