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जब आपकी नकल होने लगे तो समझ लीजिए कि आप सफल हो चुके हैं : पंकज त्रिपाठी

मुंबई : अभिनेता रणबीर कपूर की फिल्म ‘एनिमल’ के ठीक एक हफ्ते के बाद पंकज त्रिपाठी की फिल्म ‘कड़क सिंह’ सिनेमाघरों में रिलीज ना होकर सीधे ओटीटी प्लेटफार्म जी5 पर रिलीज हुई। फिल्म ‘एनिमल’ जहां पिता-पुत्र के रिश्ते पर आधरित है. वहीं ‘कड़क सिंह’ पिता -पुत्री के रिश्ते पर आधरित है। अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने ‘एनिमल’ और ‘कड़क सिंह’ की समानता के साथ -साथ ओटीटी के आने के बाद सिनेमा के बढ़ते दायरे के बारे में बात की।

फिल्म ‘एनिमल’ पिता-पुत्र के रिश्ते के इर्द -गिर्द घूमती है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक बेटा अपने पिता का बदला लेने के लिए हिंसा की किसी भी हद तक जा सकता है। वहीं फिल्म ‘कड़क सिंह’ एक पिता की अपनी बेटी के साथ बॉन्डिंग के बारे में भी बात करती है। पंकज त्रिपाठी कहते हैं, ‘कड़क सिंह’ भी ‘एनिमल’ जैसा ही रिश्ता दिखाती फिल्म है, फिर भी यह बहुत अलग फिल्म है। यह फिल्म एक पिता और बेटी के बीच अशांत रिश्ते पर आधारित है।’

अभिनेता पंकज त्रिपाठी की फिल्म ‘कड़क सिंह’ ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज हुई है। पंकज त्रिपाठी कहते हैं, ‘ओटीटी के आने के बाद सिनेमा का दायरा बड़ा हो गया है। पहले ये सब करना नामुमकिन था। ‘कड़क सिंह’ उसी रिश्ते की बात करता है, लेकिन एक अलग अंदाज में। यह वह समय है, जब हम ‘कड़क सिंह’ जैसी फिल्म कर सकते हैं। दस साल पहले हम ऐसी फिल्मों के बारे में नहीं सोच सकते थे।’

पंकज त्रिपाठी कहते हैं, ‘बदलते सिनेमा के परिदृश्य की वजह से आज हम ‘ओएमजी 2′ जैसी फिल्म के बारे में बात कर सकते हैं। पहले आप किसी फिल्म में सेक्स और यौन शिक्षा पर चर्चा के बारे में नहीं सोच सकते। ऐसी फिल्मों के बारे में लोगों का अलग ही नजरिया था। लेकिन अब समय बदल गया है और अब ऐसी फिल्में लोग स्वीकार करने लगे हैं। इसी के साथ जो अब सबसे बड़ा बदलाव आया है, वह यह है कि अब चरित्र भूमिका निभाने वाले कलाकारों को भी स्टारडम मिलने लगा है।’

पंकज त्रिपाठी नई पीढ़ी के उन अभिनेताओं में से हैं, जिनके अभिनय की खूब तारीफ होती है। पारंपरिक नायक न होने के बावजूद भी उन्हें स्टारडम मिला। वह कहते हैं, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझ पर मीम्स बनेंगे। बेशक उस समय मीम्स की कोई अवधारणा नहीं थी, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे जीवनकाल में लोग मेरी नकल करेंगे। मैं ऐसे कुछ लोगों से मिल चुका हूं और उनसे कहता हूं कि यह अच्छा है, क्योंकि मैं पैसे कमाने के लिए मुंबई आया था और अब आप मेरी नकल करके पैसे कमा रहे हैं। जब आपकी नकल होने लगे तो समझ लीजिए कि आप अपनी मंजिल पर आ चुके हैं।’

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