पेट के बल सोना क्यों है शरीर के लिए हानिकारक
ज्यादातर बच्चों में पेट के बल सोने की आदत होती है। कई बार बड़े होने तक यह आदत बदल जाती है जबकि कुछ अपनी यह आदत नहीं छोड़ पाते। उल्टा होकर सोने यानी पेट के बल सोने को लेकर इन लोगों का तर्क होता है कि इन्हें ऐसे लेटने पर ही नींद आती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इनकी आदत ही ऐसी बन चुकी है। इसलिए जरूरी है कि बच्चे को शुरुआत से ही पीठ के बल सोने की आद डालें। यहां जानें पेट के बल सोने की आदत के चलते बड़े होने पर किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है…
पेट में कीड़े होने का संकेतअगर आपका छोटा बच्चा, जिसे आप बार-बार सीधा करके लेटाती हैं लेकिन वो फिर से सोते-सोते उल्टा हो जाता है तो यह इस बात का संकेत भी होता है कि बच्चे के पेट में कीड़े हो गए हैं। इसलिए बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास जरूर जाएं। हो सकता है उसे सेहत से जुड़ी कोई दूसरी समस्या भी हो रही हो, जिस कारण वह इस तरह सोता है।
पीठ के दर्द की वजह
पेट के बल सोने की आदत पीठ में दर्द की वजह बन सकती है। क्योंकि पेट के बल सोने से पीठ पर एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ता है और रीढ़ की हड्डी में दर्द की समस्या होने के चांस कई गुना बढ़ जाते हैं। क्योंकि पेट के बल सोने से हमारी स्पाइनल कोड अपनी नैचरल शेप में नहीं रह पाती है और इसमें दर्द शुरू हो जाता है।
गर्दन में दर्द की वजह
पेट के बल सोने से गर्दन में दर्द हो सकता है। क्योंकि पेट के बल सोने पर आप अपनी गर्दन की नर्व्स पर एक्सट्रा प्रेशर क्रिएट करते हैं। इस तरह सोने पर गर्दन और सिर अपने सही पोश्चर में नहीं रहते हैं। लंबे समय तक इसी स्थिति में सोते रहने से सर्वाइकल पेन और शोल्डर पेन की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है।
गर्भधारण में दिक्कत
जिन महिलाओं को पेट के बल सोने की आदत होती है, गर्भावस्था के शुरुआती चरण में भी वे पेट के ही बल लेटती हैं तो उन्हें कई तरह की सेहत संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द इसका सामान्य उदाहरण है। साथ ही गर्भावस्था के दौरान पेट के बल सोने से शरीर का ब्लड फ्लो डिस्टर्ब होता है। इससे शरीर को पूरी ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और गर्भ में पल रहे बच्चे को भी सही मात्रा में जरूरी ऑक्सीजन प्राप्त नहीं हो पाती। जो मां और बच्चे दोनों की सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है।