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क्या नन और पुरोहितों, पादरियों पर भी लगेगा टैक्स: क्या कहां सुप्रीम कोर्ट ने

नई दिल्ली ( दस्तक ब्यूरो) : सुप्रीम कोर्ट इस बात के सहमत हो गया है कि वह इस बात का परीक्षण करेगा कि क्या ऐसे नन ( Nuns) और पुरोहित ( priests) जो गवर्नमेंट एडेड क्रिश्चियन मिशनरी स्कूलो में अध्यापक के तौर पर कार्य कर रहे हैं, क्या वो आयकर छूट के हकदार ( Entitled to income tax exemption ) हैं अथवा नहीं।

सीनियर एडवोकेट अरविंद दातार ने याचिका में कहा है कि इन पर टैक्स लगना चाहिए। अब इस मामले की सुनवाई जस्टिस चंद्रचूड़ , जस्टिस पादरीवाला और मनोज मिश्रा ने की है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मद्रास और केरल हाईकोर्ट के फैसलों को चुनौती देने वाली कैथोलिक मंडलियों द्वारा दायर अपीलों के बैच को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। इसमें कहा गया कि ननों और मिशनरियों को दिए जाने वाले वेतन के संबंध में स्रोत पर कर कटौती (TDS) लागू की जानी चाहिए।


चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने 93 अपीलों वाले बैच को तीन सप्ताह के बाद सूचीबद्ध करने का फैसला किया।अपीलकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अरविंद पी दातार ने कहा कि नन और मिशनरी मंडली में शामिल होने पर गरीबी की शपथ लेते हैं। इसलिए वे किसी भी सांसारिक संपत्ति का मालिक नहीं हो सकते। वे जो भी वेतन कमाते हैं, उसे उनकी मंडलियों या सूबाओं में भेज दिया जाता है।

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