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न्यायिक हिरासत में भेजे गये पहलवान सुशील व अजय बक्करवाला

स्पोर्ट्स डेस्क : दिल्ली पुलिस द्वारा पहलवान सागर की हत्या मामले में आरोपी ओलंपिक पदक चैंपियन सुशील कुमार व अजय बक्करवाला की रिमांड बढ़ाने की मांग को कोर्ट ने ठुकरा दिया. कोर्ट ने इन दोनों आरोपियों को 9 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया.

कोर्ट ने बोला कि पुलिस पहले ही आरोपियों को दस दिन की रिमांड पर ले चुकी है. पुलिस के पास इन दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेने का नया आधार नहीं है.

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पुरानी रटी-रटाई दलीलों पर दोबारा से तीन दिन की रिमांड मांग सही नहीं है. रोहिणी स्थित ड्यूटी मजिस्ट्रेट रश्मि गुप्ता की कोर्ट में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने आरोपी सुशील कुमार और अजय बक्करवाला को पेश किया.

अतिरिक्त लोक अभियोजक राघव खुराना और अतुल कुमार श्रीवास्तव ने इन दोनों आरोपियों की रिमांड तीन दिन और बढ़ाने की दलील पेश करते हुए बोला कि आरोपियों के मोबाइल फोन, घटना के टाइम पहने गये कपड़े, सुशील कुमार के घर बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर और घटना में प्रयुक्त डंडा बरामद करना है.

अभी कई और आरोपियों की गिरफ्तारी इनकी निशानदेही पर करनी है. अतिरिक्त लोक अभियोजक ने कोर्ट ने समक्ष बोला कि आरोपी एक गिरोह चलाते हैं इस गिरोह के आठ आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं. बाकी को पकड़ना है.

पीड़ितों के वकील नीतिन वशिष्ठ ने बोला कि एक होनहार पहलवान ने इस घटना में अपनी जान गंवाई है वही दो युवा पहलवान जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं. उन्हें इंसाफ दिलाने के लिए सबूतों का जुटाना जरुरी है.

पुलिस की इस दलील का आरोपी सुशील कुमार के वकील प्रदीप राणा ने विरोध किया. अधिवक्ता प्रदीप राणा ने बोला कि इन्हीं सामान की बरामदगी के लिए पुलिस उनके मुवक्किल और सहआरोपी को पहले छह दिन और चार दिन के लिए रिमांड पर ले चुके है. कुल मिलाकर दस दिन में पुलिस ये मामूली से सामान बरामद नहीं करा पाई.

उन्होंने सीआरपीसी और पंजाब पुलिस नियम का हवाला देते हुए बोला कि बगैर किसी नए तथ्य व आधार के पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेने का अधिकार नहीं रखती है. कोर्ट ने इस मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष को सुनने के बाद बोला कि निर्धारित कानून और तकनीकी आधार पर आरोपी सुशील व अजय को रिमांड पर देने का कोई तर्क नहीं बनता.

कोर्ट के अनुसार, ये पहले ही साफ हो चुका है कि पुलिस इन आरोपियों को उनके मोबाइल बरामद कराने के लिए पंजाब के भठिंडा लेकर गयी थी.

वही डीवीआर और उनके कपड़े बरामद कराने के लिए हरिद्धार ले जाया गया था. पुलिस की तीसरी बार रिमांड याचिका न्यायसंगत नहीं है. इसलिए आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है.

अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने कोर्ट को बोला कि पिछले दस दिन में रिमांड के दौरान सुशील कुमार उर्फ पहलवान अजीब-अजीब हरकतें कर रहा है.

कभी वो बैठे-बैठे रोने लगता है. कभी बोलते है कि उसने अपना सब कुछ बर्बाद कर दिया. फिर कभी मुस्कुराने लगता है और जांच अधिकारियों से बोलते है कि चलों में सारा सामान बरामद कराता हूं, ले चलों मुझे और अचानक फूट-फूट कर रोने लगता है.

सरकारी वकील का बोलना था कि पुलिस उसके इस व्यवहार से काफी परेशान हो गयी है. सरकारी वकील ने उस वीडियो का जिक्र भी किया जो घटना के टाइम बनाया गया था. उनका बोलना था कि सुशील ने खुद बोलकर ये वीडियो बनवाया था जिसमें वह बोल रहा है कि वो कुछ भी कर सकता है.

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