अश्वगंधा को कैसे और कितनी मात्रा में खाना चाहिए?
प्राचीन समय से ही अश्वगंधा का इस्तेमाल आयुर्वेदिक पद्धति में औषधि के रूप में किया जाता रहा है। इस पौधे में कई ऐसे गुण है जो अनेकों बीमारियों से हमारा बचाव करती है। आयुर्वेद में बताया गया है कि इसके सेवन से मानसिक और शारीरिक क्षमता दोनों बढती है खासतौर पर ये सेक्स पॉवर बढ़ाने में काफी मददगार है। आज के समय में लोग अलग अलग तरीकों से इसका सेवन करते हैं। कुछ लोग अभी भी अश्वगंधा पाउडर खरीदकर उसका सेवन करते हैं तो कुछ लोग बाज़ार में मिलने वाले कैप्सूल को खाते हैं।
ये भी पढ़ें: दांत चमकाने के लिए किए गए ये उपाय नहीं है कारगर..तो जाने
जानिए आपके किन हिडेन टैलेंट से लोग हो जाते हैं इम्प्रेस ! आपके कान से पता चल सकता है कि आप हैं किस बीमारी के शिकार माइग्रेन से राहत पाने के लिए करें ये 5 योगासन Featured Posts अगर आप भी जानना चाहते हैं कि आखिर कितनी मात्रा में अश्वगंधा का सेवन करना चाहिए तो इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि अश्वगंधा को कैसे और कितनी मात्रा में खाएं।
1- अश्वगंधा की जड़ या पत्तियों का पाउडर : अश्गंधा के पाउडर का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार रोजाना एक या दो चम्मच (3-6 ग्राम) ही पर्याप्त है। आमतौर पर इसे पानी में उबालकर सेवन किया जाता है या फिर आप दूध में मिलाकर इसका काढ़ा बना ले और फिर पियें।
ये भी पढ़ें: आपकी ‘नाभि’ में छुपा है दमकती त्वचा का राज
2- अश्वगंधा टी रेसिपी : दो चम्मच अश्गंधा की जड़ लें। इसे तीन कप उबलते हुए पानी में डालें। लगभग 15 मिनट तक इसे उबालें। अब आंच बंद कर दें और मिश्रण को छान लें। अब रोजाना एक चौथाई कप इसका सेवन करें।
3- अश्वगंधा और घी का मिश्रण : आधा कप घी में दो चम्मच अश्वगंधा की जड़ें डालकर भूनें अब इसमें एक चम्मच डेट शुगर मिलाएं। इसे फ्रिज में ठंडा होने के लिए रख दें। अब एक चम्मच इस मिश्रण को दूध में मिलाकर पियें।
4-अश्वगंधा लीफ एक्सट्रेक्ट : एक चम्मच अश्वगंधा रूट या पत्तियों के पाउडर से लगभग 300 मिलीग्राम कंसन्ट्रेटेड एक्सट्रेक्ट बनाएं। अश्वगंधा पर कई शोधों से यह निष्कर्ष निकला गया है कि रोजाना 600-1200 मिलीग्राम अश्वगंधा एक्सट्रेक्ट का सेवन करना सही रहता है।
ये भी पढ़ें: मात्र एक नुस्खे से पेट और कमर की चर्बी हो जाएगी बिलकुल गायब !
5- अश्वगंधा टिंचर रेसिपी : आधा कप अश्वगंधा की सूखी जड़ें लें और इसे जार में रखें और उसमें दो कप नॉन जीएमओ वोडका या रम डालें। अब इस जार को बंद करके 2 से 4 हफ़्तों के लिए किसी कोने में रख दें। बीच बीच में ढक्कन हटाकर इसे चला लें। जब आपका टिंचर तैयार हो जाए तो इसे जार में से निकालकर किसी दूसरी कांच की बोतल में रख लें। इस अश्वगंधा टिंचर की 40-50 बूंदे लगभग 120 एम एल पानी में डालकर इसका सेवन करें।
6- अश्वगंधा कैप्सूल : आजकल के समय में बाज़ार में अश्वगंधा के कैप्सूल आसानी से मिल जाते हैं। इनमें अश्वगंधा एक्सट्रेक्ट की स्टैण्डर्ड मात्रा का इस्तेमाल होता है और इनकी गुणवत्ता काफी अच्छी होती है। डॉक्टर की सलाह पर आप रोजाना एक या कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं।
ये भी पढ़ें: नीम की पत्तिया पायरिया की बीमारी में होती है फायदेमंद
अश्वगंधा के साइड इफ़ेक्ट : अगर आप सीमित मात्रा में अश्वगंधा का सेवन करें तो इससे कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है। अगर आप ज़रूरत सेज्यादा इसका सेवन करे हैं तो इससे एसिडिटी, अल्सर, स्किन रैशेज और एंग्जायटी का खतरा हो सकता है। गर्भवती महिलायें, हाइपरटेंशन और लीवर से जुड़े रोगों के मरीजों को इसका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए।