आधार बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए जयराम रमेश
आधार बिल को बजट सत्र में ‘मनी बिल’ का दर्जा दिए जाने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ जयराम रमेश सुप्रीम कोर्ट चले गए हैं। राज्यसभा में आधार बिल में कुछ संशोधन किए गए थे, लेकिन लोकसभा में बिल को पास करते वक्त उनको दरकिनार कर दिया गया।
यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे रमेश ने कहा कि आधार को मनी बिल का दर्जा देने के फैसले को चुनौती देते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटिशन दी।
यह बिल पास होने के बाद से ही विवादों में घिरा हुआ है। माना जाता है कि ऐसे मामलों में स्पीकर का फैसला अंतिम होता है। आधार बिल को मनी बिल की तरह पास कराने पर कांग्रेस ने एनडीए सरकार पर राज्यसभा की घोर अवमानना करने का आरोप लगाते हुए संकेत दिया था कि मामले को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
राज्यसभा में किए गए पांच संशोधनों और जल्दबाजी नहीं करने की विपक्ष की अपील को खारिज करते हुए लोकसभा में 16 मार्च को आधार बिल पास कर दिया गया। इस बिल को पास कराने का मकसद आधार के जरिए सब्सिडी का बेहतर वितरण सुनिश्चित करना है।
सदन एक महीने के लिए स्थगित होने से कुछ समय पहले शाम को लोकसभा में राज्यसभा के पांच संशोधनों की सिफारिश को नजरअंदाज करते हुए आधार (टारगेटेड डिलिवरी ऑफ फाइनेनशियल एड अदर सब्सिडीज, बेनेफिट्स ऐंड सर्विसेज) बिल, 2016 को ध्वनिमत से पास कर दिया।