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लखनऊ को 2015 तक पूर्णसाक्षर बनाने का उठाया बीड़ा

cmsलखनऊ। शहर के विकास की ओर तेजी से बढ़ते कदम के साथ उसके नागरिकों की शिक्षा की महत्ता भी बढ़ जाती है। विकास सही मायने में तभी सार्थक होगा जब हर व्यक्ति साक्षर हो। शिक्षा से ही व्यक्ति और समाज विकास में अपनी सहभागिता सिद्ध कर सकता है। यह बातें शनिवार को गोमतीनगर स्थित सीएमएस ऑडिटोरियम में शहर को पूर्ण रूप से साक्षर बनाने के लिए शुरू किए गए अभियान ‘लखनऊ फॉर लिट्रेसी’ में सामने आयीं। इसके तहत 2015 तक लखनऊ को पूर्ण रूप से साक्षर बनाने का संकल्प लिया गया। सबसे पहले दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इससे पहले 45 सदस्यों वाली ग्लोबल ड्रीम एडवायजरी बोर्ड की एक बैठक हुई, जिसमें इस साक्षर अभियान के विभिन्न पहलुओं पर बोर्ड के सदस्यों ने चर्चा की। ‘लखनऊ फॉर लिट्रेसी’ अभियान की संयोजक सुश्री सुनीता गांधी ने बताया कि कैसे इस अभियान से जुड़ने के बाद लोगों में ज्ञान का उजियारा फैलेगा। उन्होंने जादुई क्षमता वाली अपनी ‘ग्लोबल ड्रीम टूलकिट’ के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे कोई व्यक्ति एक महीने में साक्षर बन सकता है। उन्होंने बताया कि हर दिन केवल15 मिनट पढ़ाई के लिए समय देकर कोई भी अशिक्षित व्यक्ति वक्त के साथ कदमताल कर सकता है। उन्होंने बच्चों और युवाओं से भी इस अभियान से जुड़ने की अपील की। सुनीता गांधी ने शहर के लगभग 150 स्कूलों की उन प्रिंसिपलों की भी सराहना की, जिन्होंने इस गर्मी की छुट्टियों में अपने-अपने स्कूलों के बच्चों को इस काम में पहल करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहाकि अगर हम अपने शहर को इस प्रकार से साक्षर बनाने में सफल रहे तो इसके बाद यूपी के अन्य शहरों फिर देश में इस अभियान को आगे बढ़ाएंगे।  इस मौके पर सीएमएस स्कूल की संस्थापक और निदेशक श्रीमती भारती गांधी ने कहाकि यह प्रयास अज्ञानता के अंधेरे में उम्मीद का उजियारा जैसा है। इस अभियान में भागेदारी से हम खुद को भी गौरवान्वित महसूस करेंगे। खासतौर पर हम एक लड़की को शिक्षित करके परिवार और समाज को शिक्षित करते हैं। मैग्ससे पुरस्कार विजेता संदीप पाण्डेय ने इस अभियान की सराहना की। उन्होंने कहाकि उनके बहुत से आईआईटी और बीएचयू के विद्यार्थी ‘ग्लोबल ड्रीम टूलकिट’ के जरिए  अनपढ़ लोगों को साक्षर बनाने के काम में अपना योगदान दे रहे हैं। इस दौरान शिक्षा कार्ययोजना सलाहकार डॉ. गीता किंगडम, ह्यूमन यूनिटी मूवमेंट की सचिव डॉ. संगीता शर्मा, अमेरिकी वॉयलेंटियर एच रोज, एन्डी और टर्डी ने भी अपने अनुभव व अभियान की महत्ता पर प्रकाश डाला। यूपी के पूर्व डीजीपी श्री महेश द्विवेदी ने स्लम पर लिखी अपने एक कविता सुनाई। इसके अलावा शहर के विभिन्न स्कूलों के बच्चों व शिक्षक-शिक्षिकाएं भी शामिल हुईं। बच्चों ने ‘ग्लोबल ड्रीम टूलकिट’ के माध्यम से अशिक्षित बच्चों और उम्रदराज लोगों को साक्षर बनाने के अपने काम को सबके सामने रखा। बच्चों ने साक्षरता अभियान पर आधारित गीत और नृत्य प्रस्तुत किया।    

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