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आसमां में दिखेगा अनोखा नजारा, बिंदिया की तरह चमकेगा बुध ग्रह

Silhouette Man Standing On Field Against Star Field

एंजेंसी/ नई दिल्ली। सौर मंडल में 10 साल बाद एक दुर्लभ खगोलीय घटना का संयोग बन रहा है जब नौ मई को सूर्य के सामने बुध ग्रह एक काले बिंदु की तरह गुजरता दिखाई देगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक ऐसा अद्भुत नजारा होगा जो नयी पीढ़ी खासकर स्कूल एवं कालेज के छात्रों की खगोल जगत के संबंध में कौतुहल को दूर करने के साथ सौर मंडल की आकाशीय घटना से रूबरू करायेगा।

इंटर युनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनोमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स के वैज्ञानिक समीर धुर्दे ने बातचीत में कहा कि सूर्य के सामने से जब बुध ग्रह गुजरेगा तो उस वक्त का नजारा कुछ ऐसा होगा कि किसी ने सूर्य पर एक काला टीका लगा दिया हो। यह अद्भुत खगोलीय घटना नौ मई को घटित होगी।

उन्होंने कहा कि युवाओं खासकर स्कूल एवं कालेज के छात्रों के लिए यह बड़े अनुभव का विषय होगा और एस्ट्रोनोमिकल सोसाइटी आफ इंडिया से जुड़े 300 वैज्ञानिक इस घटना को छात्रों में प्रसारित करने की पहल में जुटे हैं। इसके साथ ही जिन लोगों के पास इस क्षमता की दूरबीन है, उनसे भी आग्रह किया गया है कि वे अपने अपने क्षेत्र में सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन करें।

जाने माने वैज्ञानिक प्रो. यशपाल ने कहा कि इस खगोलीय घटना के प्रति लोगों को आशंकित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह महज सौर मंडल की एक अनोखी घटना है। हम सब को अंधविश्वास छोड़ना चाहिए क्योंकि छात्रों के लिए यह अनुभव का विषय है।

उल्लेखनीय है कि नौ मई को बुध पारगमन की खगोलीय घटना शाम 4 बजकर 40 मिनट से शुरू होगी और इसके पांच घंटे तक रहने का अनुमान है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसी घटनाएं तब सामने आती हैं जब सूर्य और पृथ्वी के बीच से बुध गुजरता है और तीनों एक सीध में होते हैं।

सूर्य की तुलना में बुध का आकार बेहद छोटा होता है। इसी वजह से जब सूर्य और पृथ्वी के बीच बुध आयेगा तब वो सूर्य पर एक छोटे से काले टीका के समान लगेगा। धुर्दे ने बताया कि यह घटना पूरी सदी में 13 से 14 बार दिखाई देती है। भारत में यह नजारा 10 साल बाद दिखाई देगा।

इसके अलावा यूरोप, अफ्रीका, ग्रीनलैंड, दक्षिण अमेरिका, उत्तर अमेरिका, अर्कटिक, उत्तर अटलांटिक सागर के अलावा प्रशांत महासागर के ज्यादातर हिस्से से यह खगोलीय घटना दिखाई देगी। उन्होंने बताया कि जर्मन खागोलशास्त्री योहानन केप्लर ऐसे पहले खगोलीशस्त्री थे जिन्होंने बुध पारगमन की भविष्यवाणी की थी और अपनी गणना के जरिये इसका पूर्वानुमान व्यक्त किया था।

फ्रांसीसी गणितज्ञ पियरे गासेंदी ने टेलीस्कोप के जरिये इस घटना को देखा था।उल्लेखनीय है कि पिछले तीन बुध पारगमन 1999, 2003 और 2006 में हुए थे। शुक्र पारगमन की तुलना में बुध पारगमन की स्थिति अधिक बार बनती है। एक खास बात यह है कि बुध पारगमन मई या नवंबर माह में देखने को मिलता है।

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