जीवनशैली

एक पढ़ा लिखा युवक कैसे हो गया हर रात जिस्म बेचने को मजबूर

‘तुमको मालूम है कि तुम कहां खड़े हो। यहां जिस्म का बाजार लगता है। ‘मैं यानी एक मर्द, नीले गुलाबी बल्बों वाले इस कोठे में खुद को बेचने के लिए खड़ा था। मैंने जवाब दिया, “हां दिख रहा है पर मैं पैसे के लिए कुछ भी करूंगा।” मेरे सामने अधेड़ उम्र की औरत…नहीं वो ट्रांसजेंडर थी। पहली बार उसे देखा तो डर गया कि ये कौन है। उसने मुझे कहा, ‘बहुत एटीट्यूड है तेरे में लेकिन इधर नहीं चलेगा। ‘दिन के नौ-दस घंटे एक आईटी कंपनी की नौकरी करने वाला मैं उस पल डरा हुआ था। लगा कि मेरा जमीर मर रहा है। मैं एक ऐसे परिवार से हूं, जहां कोई सोच भी नहीं सकता कि मैं ऐसा करूंगा लेकिन मेरी जरूरतों ने मुझे इस ओर धकेल दिया।
एक पढ़ा लिखा युवक कैसे हो गया हर रात जिस्म बेचने को मजबूर
एक नया माल…एक नया छैला
‘जा जाकर ऑफिस ही कर ले। यहां क्या कर रहा है फिर।’ ये जवाब पाकर मैं चुप हो गया। कुछ ही मिनटों में इस बाजार के लिए मैं एक नया माल…एक छैला हो गया। वो ट्रांसजेंडर अचानक नरम होकर बोली, “तेरी तस्वीर भेजनी होगी, नहीं भेजी तो कोई बात नहीं करेगा।”ये सुनते ही मेरी हालत खराब हो गई। मेरी तस्वीर पब्लिक होने वाली थी। मैं सोच रहा था कि कोई रिश्तेदार देख लेगा तो क्या होगा मेरा भविष्य।’तुमको मालूम है कि तुम कहां खड़े हो। यहां जिस्म का बाजार लगता है। ‘मैं यानी एक मर्द, नीले गुलाबी बल्बों वाले इस कोठे में खुद को बेचने के लिए खड़ा था। मैंने जवाब दिया, “हां दिख रहा है पर मैं पैसे के लिए कुछ भी करूंगा।” मेरे सामने अधेड़ उम्र की औरत…नहीं वो ट्रांसजेंडर थी। पहली बार उसे देखा तो डर गया कि ये कौन है। उसने मुझे कहा, ‘बहुत एटीट्यूड है तेरे में लेकिन इधर नहीं चलेगा। ‘दिन के नौ-दस घंटे एक आईटी कंपनी की नौकरी करने वाला मैं उस पल डरा हुआ था। लगा कि मेरा जमीर मर रहा है। मैं एक ऐसे परिवार से हूं, जहां कोई सोच भी नहीं सकता कि मैं ऐसा करूंगा लेकिन मेरी जरूरतों ने मुझे इस ओर धकेल दिया।

एक नया माल…एक नया छैला
‘जा जाकर ऑफिस ही कर ले। यहां क्या कर रहा है फिर।’ ये जवाब पाकर मैं चुप हो गया। कुछ ही मिनटों में इस बाजार के लिए मैं एक नया माल…एक छैला हो गया। वो ट्रांसजेंडर अचानक नरम होकर बोली, “तेरी तस्वीर भेजनी होगी, नहीं भेजी तो कोई बात नहीं करेगा।”ये सुनते ही मेरी हालत खराब हो गई। मेरी तस्वीर पब्लिक होने वाली थी। मैं सोच रहा था कि कोई रिश्तेदार देख लेगा तो क्या होगा मेरा भविष्य।पहले दाईं तरफ से, फिर बाईं तरफ से और उसके बाद सामने से मेरी तस्वीर खींची गईं। इसके अलावा दो आकर्षक तस्वीरें भी मांगी गईं। मेरे सामने ही वो तस्वीरें किसी को वॉट्स ऐप पर भेजी गईं। तस्वीरों के साथ लिखा था, ‘नया माल है, रेट ज़्यादा लगेगा। कम पैसे का चाहिए तो दूसरे को भेजती हूं। ‘मेरी बोली लग रही थी, जो अंत में पांच हजार रुपये में तय हुई। इसमें मुझे क्लाइंट के लिए सब कुछ करना था। ये सब किसी फिल्म में नहीं, मेरे साथ हो रहा था। बहुत अजीब था।

मैं जिंदगी में पहली बार ये करने जा रहा था। बिना प्यार, इमोशंस के कैसे करता? एक अंजान के साथ करना होगा ये सोचकर मेरा दिमाग चकरा रहा था। एक पीली टैक्सी में बैठकर मैं उसी दिन कोलकाता के एक पॉश इलाके के घर में घुसा।
घर के भीतर बड़ा फ्रिज था, जिसमें शराब की बोतलें भरी हुई थीं। घर में काफी बड़ा टीवी भी था। वो शायद 32-34 साल की शादीशुदा महिला थी। बातें शुरू हुईं और उसने कहा, ”मैं तो गलत जगह फंस गई। मेरा पति गे है। अमरीका में रहता है। तलाक दे नहीं सकती। एक तलाकशुदा औरत से कौन शादी करेगा। मेरा भी अलग-अलग चीजों का मन होता है, बताओ क्या करूं।”

 

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