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कैमरी आश्रम में दिव्यांग नाबालिग से दुष्कर्म मामले में केयरटेकर का भाई दोषी करार

जिला अतिरिक्त एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. पंकज ने बहुचर्चित कैमरी आश्रम प्रकरण में मानसिक रूप से दिव्यांग नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने और उसे शारीरिक व मानसिक तौर पर प्रताडि़त करने वाले अभियुक्त गोपालदास को दोषी करार दिया है। इस मामले में 29 जुलाई को सजा सुनाई जाएगी। बता दें कि हिसार के तत्कालीन डीसी डॉ. चंद्रशेखर खरे की शिकायत पर पुलिस ने 2 अक्टूबर 2015 को इस मामले में केस दर्ज किया था।

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कैमरी आश्रम में दिव्यांग नाबालिग से दुष्कर्म मामले में केयरटेकर का भाई दोषी करारअभियोजन पक्ष के मुताबिक सितंबर 2015 को राज्य महिला एवं बाल विकास आयोग और सीजेएम ने आश्रम का दौरा किया था। उनके साथ जिला संरक्षण अधिकारी भी मौजूद थीं। तब औचक निरीक्षण के दौरान वहां एक लड़की के हाथ में चोट लगी मिली। टीम ने उससे चोट लगने का कारण पूछा तो वहां की केयर टेकर ने कुछ गोलमोल सा जवाब दे दिया।

उस समय टीम को यह भी पता चला कि उक्त लड़की की शादी की तैयारी चल रही है, जो कि मानसिक रूप से दिव्यांग होने के साथ नाबालिग भी है। केयर टेकर ने पूछने पर बताया था कि लड़की की शादी बालिग एवं सामान्य लड़के के साथ करवा रहे हैं। यहां टीम को गड़बड़ी नजर आई थी। इस वजह से उन्होंने लड़की को दूसरे आश्रम में शिफ्ट करवा दिया था।

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इस मामले की जांच चली और नाबालिग लड़की का शारीरिक एवं मानसिक मेडिकल करवाया गया था। लड़की ने जिला संरक्षण विभाग की महिला कर्मचारी के सामने बताया कि केयर टेकर के भाई गोपाल दास ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। साथ ही उससे मारपीट भी की।

यह बात टीम तक पहुंची और आश्रम में जाकर पड़ताल की। उस दौरान लड़के और लड़कियों को एक ही जगह रखा गया है, जो कि नियमों के विरुद्ध है। इसके बाद 15 सितंबर 2015 को 41 बच्चों को दूसरे नजदीकी आश्रम में शिफ्ट कर दिया था। इस प्रकरण की बात चंडीगढ़ मुख्यालय तक पहुंची तो डीसी को मामले में संज्ञान लेकर कार्रवाई करवाने के निर्देश दिए गए थे।

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