देहरादून: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में भीम आर्मी के तेवर भी तल्ख हो गए हैं। भीम आर्मी के सदस्य परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पहुंचे। वहां उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कई दिन से धरने पर बैठे मुस्लिम समुदाय के लोगों का समर्थन किया।
भीम आर्मी के प्रमुख चंद्र शेखर आजाद ने परेड ग्राउंड धरनास्थल पहुंचकर वहां बीते कई दिन से मुस्लिम सेवा संगठन की ओर से एनआरसी, एनपीआर व सीएए के विरोध में दिए जा रहे धरने को समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि सरकार देश में काले कानून लाकर वर्ग विशेष को परेशान कर रही है।
कहा कि यह लड़ाई किसी हिंदू या मुसलमान की नहीं है, बल्कि बाबा साहेब के बनाए गए संविधान को बचाने की है। उन्होंने कहा कि सीएए के विरोध में भीम आर्मी ने 23 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है। वहीं, मुस्लिम समुदाय के लोगों का परेड मैदान में धरना जारी है। सीएए व एनआरसी का विरोध कर रहे मुस्लिमों ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए यह कानून वापस लेने की मांग की।
इस दौरान पार्षद इदास खान सोनू, इलियास अंसारी, रजिया बेग, रईस फातिमा, समीर खान, साकिब कुरेशी, मुस्लिम सेवा संगठन के उपाध्यक्ष सद्दाम कुरैशी, वसीम अहमद आदि मौजूद रहे।
धरना स्थल शिफ्टिंग पर मुखर हुआ उक्रांद
उक्रांद ने परेड मैदान स्थित धरना स्थल को दूसरी जगह शिफ्ट न करने को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया है। यह ज्ञापन कलेक्ट्रेट में एडीएम वित्त एवं राजस्व रामजीशरण शर्मा को सौंपा गया। जिलाध्यक्ष विजय कुमार बौड़ाई के नेतृत्व में ज्ञापन देने पहुंचे पार्टी नेताओं ने कहा कि जनता सरकार की गलत नीतियों से पीडि़त होकर धरना-प्रदर्शन को मजबूर होती है। यदि सरकार अपनी नीतियों को पारदर्शी और रायशुमारी कर लागू करे तो आंदोलन की नौबत ही न आए।
कहा कि ऐसा नहीं होता है और कभी कर्मचारी, कभी बेरोजगार, कभी राजनैतिक दलों को प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ता है। वर्तमान में राज्य सरकार एक के बाद एक जनविरोधी काम कर रही है। परेड ग्राउंड पर धरना स्थल को भी शिफ्ट करना इसी अदूरदर्शी सोच का परिणाम है। सरकार इस धरना स्थल को शहर से काफी दूर ननूरखेड़ा ले जाना चाहती है, जो गलत है।
उन्होंने कहा कि राज्य बनने के बाद धरना स्थल कई बार बदले हैं। स्थानीय प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर परेड ग्राउंड के पास धरना स्थल निर्धारित किया था। इसे अब हटाने की साजिश रची जा रही है। वर्तमान सरकार जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनना चाहती है। धरना स्थल ऐसी जगह ले जाने का कोई औचित्य नहीं है, जहां तक कोई सार्वजनिक यातायात की सुविधा न हो। इस मौके पर बीडी रतूड़ी, लताफत हुसैन, रेखा मियां, भगवती प्रसाद डबराल, गिरीश मैंदोलिया, धर्मेंद्र कठैत, संजीव शर्मा, राजेंद्र प्रधान आदि मौजूद थे।