मंगल ग्रह की सतह को खोदने के लिहाज से तैयार किया गया नासा का एक अंतरिक्ष यान 48.2 करोड़ किलोमीटर की यात्रा छह महीने में पूरी करने के बाद सोमवार को लाल ग्रह पर उतरा। कैलिफोर्निया के पासाडेना में स्थित नासा की जेट प्रोपल्सन प्रयोगशाला के उड़ान नियंत्रकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब यह खबर आई।
जब एक उड़ान नियंत्रक ने अंतरिक्ष यान के मंगल की सतह पर उतरने की घोषणा की तो उनके साथी उत्साहित होकर उछलने लगे और ताली बजाने लगे। नासा के मुताबिक इनसाइट नामक यह यान एक पैराशूट और ब्रेकिंग इंजन की मदद से रफ्तार को धीमा किये जाने के बाद उतरा।
मंगल से पृथ्वी की दूरी लगभग 16 करोड़ किलोमीटर है और अंतरिक्षयान के बारे में रेडियो सिग्नल से मिल रही जानकारी यहां तक आने में आठ मिनट से ज्यादा का समय लग रहा है। 1976 के बाद से नासा ने नौवीं बार मंगल पर पहुंचने का यह प्रयास किया। अमेरिका के पिछले प्रयास को छोड़कर बाकी सभी सफल रहे। पिछली बार नासा का अंतरिक्षयान क्यूरियोसिटी रोवर के साथ 2012 में मंगल पर उतरा था
नासा ने लाइव दिखाई लैंडिंग
इनसाइट की मंगल पर उतरने की पूरी प्रक्रिया सात मिनट तक चली। भारतीय समयानुसार सोमवार रात 1.24 बजे ये मंगल की सतह पर उतरा। सात मिनट तक पूरी दुनिया के वैज्ञानिक दम साधे इस पूरी प्रक्रिया को लाइव देखते रहे। जैसे ही इनसाइट ने मंगल की सतह को छुआ, सभी वैज्ञानिक खुशी से झूमने लगे। नासा के प्रशासक जिम ब्राइडेंस्टाइन ने इनसाइट के टचडाउन का ऐलान करते हुए सभी को बधाई दी।
बता दें कि नासा ने इनसाइट लैंडिंग को लाइव दिखाया। इस मिशन मंगल में करीब 7044 करोड़ रुपये का खर्च आया। इनसाइट को मंगल पर उतारने से पहले इसी साल 5 मई को नासा ने कैलिफोर्निया के वंडेनबर्ग एयरफोर्स स्टेशन से एटलस वी रॉकेट के जरिए लांच किया था। इससे पहले 2012 में मंगल पर पहला यान क्यूरोसिटी भेजा गया था। उस मिशन में मंगल ग्रह पर पानी की मौजूदगी के बारे में पता किया गया।