जानबूझकर पैदा किया गया जर्मन, संस्कृत का विवाद: ईरानी
नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में जर्मन को हटाए जाने को लेकर विवाद जानबूझकर पैदा किया गया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि तीसरी भाषा के रूप में जर्मन को बनाए रखना संविधान का उल्लंघन होता। ईरानी ने कहा कि स्कूलों में तीसरी भाषा के रूप में जर्मन की पढ़ाई हो रही थी और यह संविधान का उल्लंधन था। उन्होंने भारतीय संविधान के तहत शपथ ली है और वह इसका पालन करेंगी। मंत्रालय के अनुसार, केंद्रीय विद्यालय और गोएथे इंस्टीटयूट, मैक्स मूलर भवन के बीच 2011 में सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसमें एमओयू में जर्मन को तीसरी भाषा के रूप में पेश किए जाने का जिक्र था और किसी भी चरण में मंत्रालय को इससे अवगत नहीं कराया गया। ईरानी ने कहा कि जहां तक छठी से आठवीं कक्षा के प्रभावित छात्रों का सवाल है, केंद्रीय विद्यालयों ने उन छात्रों को काउंसिलिंग मुहैया कराने की शुरुआत कर दी है। छात्रों को तीसरी भाषा के रूप में संस्कृत के स्थान पर कोई भी भारतीय भाषा चुनने का विकल्प होगा। एजेंसी