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भूस्खलन को लेकर CM बीरेन सिंह ने जताया दुःख, बोले-इतिहास की सबसे भयंकर त्रासदी में हमने खोईं 81 जिंदगियां

नई दिल्ली: मणिपुर में हुए भूस्खलन से वहां के लोगों की जिंदगी पूरी तरह बदल गई है, हर तरफ तबाही का मंजर है, आपको बता दें कि यह मणिपुर के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा प्राकृतिक हादसा है, जिसमें 81 लोगों की मौत हो गई है। इस हादसे के बारे में मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने दुखी होकर इस बात को स्वीकार किया और कहा कि ‘ये त्रासदी मणिपुर के इतिहास की सबसे दुखद त्रासदी है। इस हादसे में हमने 81 लोगों को खो दिया है’ अभी भी लोग इस पीड़ा से गुजर रहे है, अभी भी करीब 55 लोगों के शव मलबे में फंसे हुए हैं, उन्हें निकालने में अब भी 2-3 दिनों का समय लग सकता है।

आपको बता दें कि इस हादसे की सबसे बड़ी मार 107 टेरिटोरियल आर्मी की कंपनी पर पड़ी है, जिसके 55 जवान इसकी चपेट में आ गए है। बता दें कि मणिपुर के इस भूस्खलन हादसे में जो लोग घायल हुए, उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनका इलाज शुरू है। लेकिन सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि इस हादसे के बाद मौके पर मौजूद करीब 55 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। लापता लोगों में स्थानीय ग्रामीण, टेरिटोरियल आर्मी के जवान, रेलवे के कर्मचारी और मजदूर लोग शामिल हैं। इस हादसे के बाद तेजी से ही राहत एवं बचाव कार्य जारी है।

कई लोगों की हुई मौत
इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक, ये प्राकृतिक आपदा नोनी जिले के तुपुल रेलवे स्टेशन के पास आई है। यहां जिरिबाम से इंफाल जाने वाली निर्माणाधीन रेलवे लाइन की सुरक्षा के लिए तैनात 107 टेरिटोरियल आर्मी की पूरी कंपनी भी भूस्खलन की चपेट में आ गई है। आपको बता दें कि घायलों का इलाज नोनी आर्मी मेडिकल यूनिट में किया जा रहा है।

वहीं, एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के जवान राहत-बचाव कार्य में लगे हुए हैं। कई लोगों को बचाया भी गया है। स्थानीय प्रशासन भी राहत-बचाव कार्य में जुटा हुआ है। इस हादसे ने न केवल वहां के स्थानीय लोग आहात में है बल्कि CM बीरेन भी इससे दुखी है।

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