टैटू हटवाएं लेकिन सोच समझकर
अगर आपने कोई परमानेंट टैटू बनवाया है और अब हटाना चाहती हैं, तो इसका हल है लेजर तकनीक…
इसमें कोई शक नहीं कि टैटू बनवाना ट्रेंडी है। ये टैटू शार्ट टर्म से लेकर अपेक्षाकृत लंबी अवधि केलिए बनवाए जाते हैं। कई बार लंबी अवधि के लिए टैटू बनवाने के बाद उसकी डिजाइन से दिल भर जाता है और हम उसे हटाने के उपाय खोजने लगते हैं। टैटू हटाने के कई तरीके हैं। उनके परिणाम कई कारकों पर निर्भर करते हैं, उनमें शामिल हैं टैटू का आकार, उसका स्थान, घाव भर पाने की व्यक्ति विशेष की क्षमता, टैटू कैसे बनवाया गया था और कितने लंबे समय से टैटू उस स्थान पर मौजूद है। अगर टैटू किसी अनुभवी आर्टिस्ट से बनवाया गया है तो उसे हटा पाना अपेक्षाकृत आसान होगा। इसका कारण यह है किआर्टिस्ट द्वारा इस्तेमाल किए गए रंग को त्वचा के समान स्तरों पर समान ढंग से भरा गया होगा। पुराने टैटू के मुकाबले नए टैटू को हटा पाना ज्यादा मुश्किल हो सकता है।
लेजर रिमूवल की तकनीक
टैटू बनाने में प्रयोग होने वाली स्याही सीसा, तांबा और मैंग्नीज जैसी धातुओं से तैयार मिश्रित पदार्थों से मिलकर बनी होती है। कुछ लाल स्याहियों में पारा यानी मरकरी भी मौजूद होता है। इन्हीं धातुओं के कारण टैटू स्थायी हो जाते हैं। टैटू हटाने या उसे बदलने की तमाम विधियों में उसे लेजर के जरिये हटाना सबसे बेहतर विकल्प है। यह प्रक्रिया अमूमन टैटू के रंगों को हटाने की कारगर विधि है, जिसे क्यू स्विच लेजर का इस्तेमाल करते हुए अंजाम दिया जाता है। आमतौर पर मल्टीकलर टैटू के मुकाबले काले या अन्य गहरे रंग के टैटू को हटाना ज्यादा आसान होता है। इस प्रक्रिया के दौरान लेजर किरणें त्वचा के भीतर तक जाकर टैटू की स्याही को सोख लेती हैं।
अलग लेजर की जरूरत
अलग-अलग रंगों के टैटू को हटाने के लिए अलग-अलग लेजर की जरूरत होती है। उदाहरण के लिए काले रंग की स्याही को हटाने के लिए हमें 1064 एनएम लेजर की जरूरत होती है। यह कार्य क्यू स्विच्ड एनडी वाईएजी लेजर से अंजाम दिया जाता है। इसी तरह लाल रंग की स्याही के लिए हमें 532 एनएम रेडियो तरंग चाहिए। टैटू के कण लेजर किरणों को सोखते हैं और गर्म हो जाते हैं और फिर छोटे कणों में विस्फोटित हो जाते हैं। इन छोटे कणों को हमारे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र धीरे-धीरे सुखा देता है और इसके चलते टैटू मिटने लगता है। टैटू रिमूवल के लिए मरीजों को कई सत्रों में बुलाने की जरूरत पड़ती है। इनकी संख्या दो से दस के बीच हो सकती है। एक सत्र दो महीने के अंतराल पर होता है।
परिणाम-फायदे
टैटू को पूरी तरह हटाने वाले मामलों में ज्यादातर टैटू कोई निशान छोड़े बगैर पूरी तरह मिट जाते हैं। लेजर प्रक्रिया ज्यादा दर्द भरी नहीं होती है। टैटू हटाने की प्रक्रिया को अमूमन सुन्न करने वाली क्रीम के प्रभाव में अंजाम दिया जाता है। इसमें मरीज को पहले से भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है। हालांकि ट्रीटमेंट के बाद वहां थोड़ी सूजन और लालिमा आ सकती है, लेकिन यह कुछ ही घंटों में ठीक हो जाती है।
लेजर प्रक्रिया की कीमत
टैटू बनवाने से ज्यादा महंगा इसे हटाना है। प्रत्येक सत्र की कीमत लगभग तीन से दस हजार के बीच हो सकती है। अनचाहे टैटू को किसी विशेषज्ञ से ही हटवाएं। इसे किसी विशेषज्ञ से न करवाने पर लेजर के कारण त्वचा पर निशान पड़ सकते हैं।