धोखा देकर भागी थी पत्नी, अफगानी नागरिक ने दो साल बाद ढूंढ निकाला
भारत में रह रहे अफगानिस्तानी शरणार्थी मोहम्मद याकूब ने साल 2015 में गायब हुई अपनी पत्नी निलोफर और तीन बच्चों को ढूंढ निकाला है। कथित रूप से निलोफर अपने प्रेमी के चक्कर में याकूब को अपने बारे में कनाडा जाने की झूठी बात कह बच्चों संग गायब हो गई थी। काफी मशक्कत के बाद साल 2013 से दिल्ली में रह रहे मसूद मोहम्मद याकूब ने अपनी पत्नी को हैदराबाद में ढूंढ निकाला और बाद में पुलिस ने निलोफर को अपनी हिरासत में ले लिया। मसूद पिछले चार महीनों से हैदराबाद में अपनी पत्नी और बच्चों की तलाश में इधर-उधर भटक रहे थे।
फर्जी आधार भी बनवाया
गुरुवार को पुलिस ने मसूद और कुछ स्थानीय नेताओं की मदद से निलोफर को ढूंढ निकाला। पुलिस को यह भी पता चला कि निलोफर ने फर्जी आधार और वोटर कार्ड भी बनवा लिए थे। दिल्ली के एक होटल में कुक का काम करने वाले मसूद ने बताया कि निलोफर ने जब घर छोड़ा था तो एक चिट्ठी में लिख छोड़ा था कि वह वापस कनाडा में अपने घरवालों को पास जा रही है।
दो साल से ज्यादा वक्त से भी मसूद दिल्ली पुलिस, अफगानी दूतावासा और अन्य माध्यमों से अपने बच्चों और बीवी की तलाश में थे। चार महीने पहले मसूद के जान-पहचान के एक अफगानी नागरिक ने हैदराबाद से फोन किया और बताया कि उसने निलोफर को देखा है। मसूद तुरंत हैदराबाद पहुंचे और गोलकोंडा पुलिस से मदद मांगी।
एक हफ्ते बाद गोलकोंडा पुलिस को पता चला कि निलोफर ने जलालुद्दीन अकबर नामक एक व्यक्ति से निकाह कर ली है। पुलिस ने मसूद को निलोफर की प्रिवेसी में दखल ना देने को भी कहा। मसूद ने अफगानी दूतावास को एक चिट्ठी में लिखा, ‘मेरी पत्नी बिना मुझे तलाक दिए ही एक भारतीय आदमी के साथ रह रही है और एक बच्चा भी पैदा कर चुकी है। मैं नहीं जानता कि वे लोग निकाह कर चुके हैं या नहीं लेकिन मैं उसे तलाक देकर अपने बच्चों को वापस ले जाना चाहता हूं।’
इसके बाद जलालुद्दीन अकबर की पत्नी ने मसूद को फोन कर बताया कि निलोफर अकबर के साथ राजेंद्रनगर में रह रही है। राजेंद्रनगर के इंस्पेक्टर जी सुरेश ने बताया कि निलोफर और तीन बच्चों को ट्रैक करके कस्टडी में ले लिया गया है। फर्जी दस्तावेज रखने के कारण निलोफर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया है।