पनामा पेपर्स लीक मामले में बैंकों की ओर से विलफुल डिफॉल्टर घोषित विजय माल्या का नाम सामने आया है। पेनामा पेपर्स लीक मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने पनामा पेपर्स के खुलासे में कहा है कि ब्रिटिश वर्जिन आइंसलैंड की कंपनी वेंचर न्यू होल्डिंग लिमिटेड विजय माल्या से जुड़ी हुई है। खुलासे में बताया गया है कि यह कंपनी 2006 से कामकाज कर रही है।
बता दें कि विजय माल्या की यह कंपनी उस समय 2014 में सामने आई थी, जब कर्नाटक हाईकोर्ट ने ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड में एक सब्सिडियरी को 4,000 करोड़ रुपए के संभावित डायवर्जन का हलावा देते हुए अपने अब्जर्वेशन में कहा था कि ऐसा नहीं है कि माल्या के पास पैसा नहीं है। विजय माल्या के संबंध में यह खुलासा ऐसे समय हुआ जब वह विलफुल डिफॉल्टर घोषित है और उनके ऊपर बैंकों का करीब 9000 करोड़ का कर्ज है।
बेंगलुरु के एड्रेस से चल रही थी कंपनी
ICIJ के खुलासे के मुताबिक वेंचर न्यू होल्डिंग कंपनी बेंगलुरु से चल रही थी। कंपनी का एड्रेस 3 विट्टल माल्या रोद है। बता दें कि ये विजय माल्या का रेजिजेंशियल एड्रेस है। ICIJ की जानकारी के मुताबिक माल्या की कंपनी डॉरेक्च पोटिक्युलस ट्रस्ट नेट से जुड़ी है, जो कि विदेशी अकाउंट्स बनाने के लिए वन स्टॉप सॉल्यूशन है।
कैसे छिपा रहा माल्या का नाम
ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में मौजूद कंपनी में विजय माल्या का नाम अब तक शेयरकॉर्प लिमिटेड छुपाए हुए थी। यह एक नॉमिनी शेयरहोल्डर के रूप में काम कर रही थी। आपको बता दें कि नॉमिनी शेयरहोल्डर थर्ड पार्टी कंपनी होती है और यह विदेशी कंपनी चला रहे क्लाइंट से जुड़ नहीं होती व क्लाइंट की सीक्रेसी बनाए रखती है।
500 से ज्यादा भारतीयों के नाम
बता दें कि पनामा की एक कंपनी मोसेक फोंसेका के एक करोड़ से ज्यादा टैक्स डॉक्यूमेंट्स लीक होने के बाद यह खुलासे हुए है। खुलासे के मुताबिक टैक्स हैवन देशों में दौलत छुपाने वालों में भारत के 500 से ज्यादा लोग शामिल है। जिनमें बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन और उनकी बहू ऐश्वर्या राय बच्चन, डीएलफ के मालिक केपी सिंह और गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी जैसे बड़े लोगों के नाम भी शामिल हैं।