ज्ञान भंडार
पूरा गांव चेचक की चपेट में, बच्चों को रिश्तेदारी में भेज रहे ग्रामीण
अजमेर जिले के नगेलव पंचायत का अलीपुरा गांव इस समय चेचक की चपेट में है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार पिछले महीने गांव के 150 से ज्यादा बच्चों में चेचक के लक्षण मिले तो पिछले दो दिनों में ही 30 से ज्यादा नए मामले सामने आ चुके हैं। हालात विकट होते देख स्वास्थ्य विभाग को भी होश आया तो आनन फानन में एक टीम गांव में चेकअप के लिए भेजी गई है।
जिले के पिशनन ब्लॉक का अलीपुरा दूर दराज का गांव है। गांव में हालत ये है कि हर घर में चेचक का एक मरीज जरूर मिल जाएगा। गांव की नुसरत बेगम बताती हैं कि मैंने अपने बच्चों को अपनी मां के घर दूसरे गांव भेज दिया है, जिससे वे सुरक्षित रह सकें। माता पिता तब दहशत में आ जाते हैं जब उन्हें अपने बच्चे के शरीर पर लाल दाने दिखने लगते हैं और वह बुखार से तपने लगते हैं।
इलाज के अभाव में गांव वाले अपने बच्चों को तांत्रिक और बाबाओं के पास ले जाने लगे हैं। एक अभिभावक कहते हैं कि सरकारी अस्पताल हमारे गांव से दो किलोमीटर दूर है जहां मात्र एक नर्स ही हर समय रहती है।
गांव वालों ने आरोप लगाया कि बच्चों की इतनी बुरी हालत होने के बाद भी उन्हें सरकारी स्तर पर कोई इलाज मुहैया नहीं कराया गया। पिछले एक महीने में हमारे सैकडों बच्चों को चेचक की दिक्कत रही लेकिन उनके इलाज के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने स्वास्थ्य केन्द्र पर दबाव बनाया तो नर्स आकर गांव में कुछ दवाइयां बांटकर चली गई।
वहीं मामले में हो हल्ला मचने पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को गांव में दौरा कर गांव जरूरी उपचार शुरू कर दिया।
डिप्टी चीफ मेडिकल ऑफिसर लाल थड़ानी ने बताया कि यह एक मौसमी वायरस है जिसका इलाज शुरू कर दिया गया है। फिलहाल गांव में हालात नियंत्रण में हैं। वो बताते हैं कि गर्मी के कारण चेचक का वायरस तेजी से फैलता है
वहीं मामले में हो हल्ला मचने पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को गांव में दौरा कर गांव जरूरी उपचार शुरू कर दिया।
डिप्टी चीफ मेडिकल ऑफिसर लाल थड़ानी ने बताया कि यह एक मौसमी वायरस है जिसका इलाज शुरू कर दिया गया है। फिलहाल गांव में हालात नियंत्रण में हैं। वो बताते हैं कि गर्मी के कारण चेचक का वायरस तेजी से फैलता है