नई दिल्ली : देश के 12 प्रमुख बंदरगाहों से माल ढुलाई चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर अवधि में मामूली 1.48 प्रतिशत बढ़कर 34.84 करोड़ टन रही। भारतीय बंदरगाह संघ (आईपीए) के आंकड़ों के मुताबिक, इस बढ़ोतरी की वजह कोकिंग कोल, उर्वरक और लौह अयस्क की ढुलाई में बढ़ोतरी है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में इन बंदरगाहों से माल ढुलाई 34.33 करोड़ टन थी। आईपीए के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश के प्रमुख 12 बंदरगाहों से माल ढुलाई अप्रैल-सितंबर 2019 के दौरान 34.84 करोड़ टन रही। ये 12 बंदरगाह दीनदयाल बंदरगाह (पूर्व में कांडला), मुंबई बंदरगाह, जवाहर लाल नेहरू, मुरगांव बंदरगाह, न्यू मंगलौर बंदरगाह, कोच्चि बंदरगाह, चेन्नई बंदरगाह, कामराजार बंदरगाह, वी ओ चिदंबरनार बंदरगाह, विशाखापत्तनम बंदरगाह, पारादीप बंदरगाह और कोलकाता बंदरगाह (हल्दिया समेत) हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा माल ढुलाई दीनदयाल बंदरगाह पर देखी गई। यहां से 6.10 करोड़ टन माल ढुलाई हुई। इसके बाद, पारदीप (5.55 करोड़ टन), विशाखापत्तनम बंदरगाह (3.47 करोड़ टन), जवाहरलाल नेहरू (3.44 करोड़ टन), हल्दिया समेत कोलकाता बंदरगाह (3.16 करोड़ टन) और मुंबई (3.01 करोड़ टन) का स्थान है। चेन्नई से 2.47 करोड़ टन माल ढुलाई जबकि न्यू मंगलौर बंदरगाह से 1.78 करोड़ टन की माल ढुलाई हुई।अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान, प्रमुख बंदरगाहों से कोकिंग कोल की ढुलाई 15.25 प्रतिशत बढ़कर 2.92 करोड़ टन रही जबकि तापीय कोयले की ढुलाई में 13.20 प्रतिशत की गिरावट आई। तैयार उर्वरक की ढुलाई में 11.38 प्रतिशत की वृद्धि हुई।