उत्तराखंडराज्य

बीच सड़क पर फव्वारा, 45 मिनट में पांच लाख लीटर पानी बर्बाद

देहरादून: एडीबी विंग का कारनामा देखिए, लाइन की टेस्टिंग के नाम पर महज 45 मिनट में जल संस्थान का पांच लाख लीटर पानी बर्बाद कर दिया। यही नहीं, बुद्धा चौक पर जिस जगह पानी बर्बाद हुआ, वहां पानी का फव्वारा देख राहगीर भी हैरान रह गए। आधे घंटे बाद जब जल संस्थान को इसका पता चला, तब जाकर लाइन को बंद किया गया और लोगों ने राहत की सांस ली।देहरादून: एडीबी विंग का कारनामा देखिए, लाइन की टेस्टिंग के नाम पर महज 45 मिनट में जल संस्थान का पांच लाख लीटर पानी बर्बाद कर दिया। यही नहीं, बुद्धा चौक पर जिस जगह पानी बर्बाद हुआ, वहां पानी का फव्वारा देख राहगीर भी हैरान रह गए। आधे घंटे बाद जब जल संस्थान को इसका पता चला, तब जाकर लाइन को बंद किया गया और लोगों ने राहत की सांस ली।  एडीबी विंग ने सर्वे चौक से लेकर बुद्धा चौक व आसपास के इलाके में तीन से चार साल पहले पानी की नई लाइन डाली थी। लेकिन, अब एडीबी विंग को यह तक मालूम नहीं कि उसकी लाइन किस क्षेत्र में कहां तक बिछी है। इसी के चलते एडीबी विंग के अधिकारियों ने सर्वेचौक से जा रही लाइन की स्थिति जानने और उसकी टेस्टिंग के लिए जल संस्थान से पानी मांगा। ताकि लाइन कहां तक पड़ी है, यह भी पता चल जाए और उसकी टेस्टिंग भी हो जाए।   हालांकि, एडीबी विंग के अधिकारियों ने इस बाबत न तो जल संस्थान के अधिशासी अभियंता को फोन किया और न संबंधित जेई को ही। अन्य क्षेत्र देख रहे जल संस्थान के जेई से लाइन टेस्टिंग करने की बात कही गई और सुबह साढ़े नौ बजे सर्वेचौक स्थित ओवरहेड टैंक से अपनी 16 इंच की पाइप लाइन में पानी खोल दिया।   यह लाइन बुद्धा चौक तक पड़ी है और इससे आगे उसे कनेक्ट ही नहीं किया गया। नतीजा, सारा पानी बुद्धा चौक पर ही बाहर निकलने लगा। चूंकि, लाइन 16 इंच की थी और पानी का प्रेशर इतना था कि वह सड़क से छह-सात फीट की ऊंचाई तक उछाल मारने लगा। यह देख आसपास से गुजर रहे लोगों के भी हैरानी से कदम ठिठक गए।   पानी की इस तरह बर्बादी देख आसपास के लोगों ने जल संस्थान के अधिकारियों को फोन किया। तब जाकर अधिकारियों ने सर्वेचौक से लाइन बंद की। लेकिन, पौन घंटे की इस अवधि में एडीबी विंग ने करीब पांच लाख लीटर पानी बर्बाद कर डाला। इसका असर संबंधित इलाकों में जल संस्थान की शाम की आपूर्ति पर पड़ा। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता मनीष सेमवाल के मुताबिक एडीबी विंग ने लाइन टेस्टिंग के लिए पानी मांगा था। जैसे ही जल संस्थान को पानी सड़क पर बहने के बारे में पता चला, लाइन को बंद कर दिया गया।

एडीबी विंग ने सर्वे चौक से लेकर बुद्धा चौक व आसपास के इलाके में तीन से चार साल पहले पानी की नई लाइन डाली थी। लेकिन, अब एडीबी विंग को यह तक मालूम नहीं कि उसकी लाइन किस क्षेत्र में कहां तक बिछी है। इसी के चलते एडीबी विंग के अधिकारियों ने सर्वेचौक से जा रही लाइन की स्थिति जानने और उसकी टेस्टिंग के लिए जल संस्थान से पानी मांगा। ताकि लाइन कहां तक पड़ी है, यह भी पता चल जाए और उसकी टेस्टिंग भी हो जाए। 

हालांकि, एडीबी विंग के अधिकारियों ने इस बाबत न तो जल संस्थान के अधिशासी अभियंता को फोन किया और न संबंधित जेई को ही। अन्य क्षेत्र देख रहे जल संस्थान के जेई से लाइन टेस्टिंग करने की बात कही गई और सुबह साढ़े नौ बजे सर्वेचौक स्थित ओवरहेड टैंक से अपनी 16 इंच की पाइप लाइन में पानी खोल दिया। 

यह लाइन बुद्धा चौक तक पड़ी है और इससे आगे उसे कनेक्ट ही नहीं किया गया। नतीजा, सारा पानी बुद्धा चौक पर ही बाहर निकलने लगा। चूंकि, लाइन 16 इंच की थी और पानी का प्रेशर इतना था कि वह सड़क से छह-सात फीट की ऊंचाई तक उछाल मारने लगा। यह देख आसपास से गुजर रहे लोगों के भी हैरानी से कदम ठिठक गए। 

पानी की इस तरह बर्बादी देख आसपास के लोगों ने जल संस्थान के अधिकारियों को फोन किया। तब जाकर अधिकारियों ने सर्वेचौक से लाइन बंद की। लेकिन, पौन घंटे की इस अवधि में एडीबी विंग ने करीब पांच लाख लीटर पानी बर्बाद कर डाला। इसका असर संबंधित इलाकों में जल संस्थान की शाम की आपूर्ति पर पड़ा। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता मनीष सेमवाल के मुताबिक एडीबी विंग ने लाइन टेस्टिंग के लिए पानी मांगा था। जैसे ही जल संस्थान को पानी सड़क पर बहने के बारे में पता चला, लाइन को बंद कर दिया गया।

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