ब्लड डोनेशन में दूसरों के साथ खुद का भी है जबरदस्त फायदा, जानकर दंग रह जाएंगे!
दस्तक टाइम्स/एजेंसी दिल्ली(11 अक्टूबर): अब तक आपने यह सोचकर रक्तदान किया होगा कि इससे किसी और की जिंदगी बचेगी। और कुछ ऐसे लोग हैं, जो इस गलतफहमी में रक्तदान करने से कतराते हैं कि इससे उनकी सेहत प्रभावित होगी। ऐसे में आपकी सोच यह जानने के बाद बदल जाएगी कि रक्तदान करने से आपकी सेहत बनती है, न कि बिगड़ती है। यकीन नहीं होता तो जान लीजिए रक्तदान से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में… नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट ने बताया कि शरीर में आयरन का उच्च स्तर कैंसर को जन्म दे सकता है। इसके लिए 1200 लोगों पर रिसर्च किया तो पता चला कि हर 6 महीने में जिसने रक्तदान किया, उनमें आयरन की कमी आई। इससे कैंसर का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा रक्तदान से शरीर में जो नया रक्त बनता है, उसके सेल्स ज्यादा स्वस्थ होते हैं और नए रक्त उत्पादन से शरीर चुस्त रहता है। सबसे बड़ी सच्चाई यह है कि रक्तदान विभिन्न अंगों में कैंसर के रिस्क से दूर रखता है। हैरानी होगी यह जानकर कि रक्तदाता का कोलेस्ट्रॉल कम होता है और रक्तचाप नियंत्रित रहता है। इससे ज्यादा कैलोरी और वसा बर्न होती है। नई कोशिकाएं बनती हैं। रक्तदान करके आप खुद को ब्रेन स्ट्रोक जैसी बीमारियों से भी बचाते हैं। डॉक्टर्स का मानना है कि ब्लड डोनेशन से खून पतला होता है, जो कि हृदय के लिए अच्छा है। एक यूनिट रक्तदान करने से हमारे शरीर से 650 कैलोरी जलती है। इससे वजन नियंत्रित रहता है। तो रक्तदान कर आप अपनी अतिरिक्त कैलोरी बर्न कर सकते हैं। इससे शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। एक नई रिसर्च के मुताबिक नियमित ब्लड डोनेट करने से दूसरी कई बीमारियों के होने का खतरा भी कम हो जाता है। अस्थिमज्जा लगातार क्रियाशील बनी रहती है।ब्लड डोनेशन में जितना खून लिया जाता है, वह 21 दिन में शरीर फिर से बना लेता है। ब्लड का वॉल्यूम तो शरीर 24 से 72 घंटे में ही पूरा बन जाता है। रक्तदान का करने का डोनर को एक बड़ा फायदा यह है कि इससे उसकी कोई छिपी बीमारी भी सामने आ जाती है। इसका कारण यह है कि दान किए गए रक्त की सात प्रकार की जांच होती है। कोई भी गड़बड़ी होती है, तो उसका खुलासा हो जाता है। एक यूनिट रक्तदान करने से हमारे शरीर से 650 कैलोरी जलती है। इससे वजन नियंत्रित रहता है। तो रक्तदान कर आप अपनी अतिरिक्त कैलोरी बर्न कर सकते हैं। इससे शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। एक नई रिसर्च के मुताबिक नियमित ब्लड डोनेट करने से दूसरी कई बीमारियों के होने का खतरा भी कम हो जाता है। अस्थिमज्जा लगातार क्रियाशील बनी रहती है।ब्लड डोनेशन में जितना खून लिया जाता है, वह 21 दिन में शरीर फिर से बना लेता है। ब्लड का वॉल्यूम तो शरीर 24 से 72 घंटे में ही पूरा बन जाता है। रक्तदान का करने का डोनर को एक बड़ा फायदा यह है कि इससे उसकी कोई छिपी बीमारी भी सामने आ जाती है। इसका कारण यह है कि दान किए गए रक्त की सात प्रकार की जांच होती है। कोई भी गड़बड़ी होती है, तो उसका खुलासा हो जाता है।