मंगल पर मिले प्राचीन झील के सबूत
वाशिंगटन। क्युरीआसिटी रोवर को मंगल ग्रह पर करोड़ों साल पुरानी झील के सबूत मिले हैं। नासा ने बताया कि झील लंबे समय तक रही होगी। क्युरिआसिटी मिशन के शीर्ष वैज्ञानिक कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी के जॉन ग्रॉटजिंगर ने बताया ‘‘बहुत ईमानदारी से कहा जाए तो यह पृथ्वी के जैसी दिखती है।’’ इस बीच नासा के एक अन्य दल के वैज्ञानिकों का कहना है कि क्युरीआसिटी द्वारा किए गए पर्यवेक्षण और मापन के मुताबिक अंतरिक्षीय विकिरण भविष्य में मंगल पर मानव मिशन के लिए खतरा नहीं होना चाहिए। छह अगस्त 2०12 को मंगल ग्रह पर उतरे क्युरीआसिटी का उपकरण- एक रोबोट रोवर ने आंकड़े एकत्र कर उसकी गणना की है जो यह दर्शाते हैं कि यह ताजे पानी की उथली झील 3.7 करोड़ साल पहले अस्तित्व में रही होगी। वैज्ञानिकों ने बहुत पहले इस बात की संकल्पना की थी कि मंगल ग्रह पर रहने योग्य वातावरण है और अब झील के सबूत मिलने से यह विश्वास मजबूत हुआ है। नासा के मंगलग्रह विज्ञान प्रयोगशाला का एक शोध दल और इंपीरियल कॉलेज लंदन ने तलछटी चप्तानों के नमूनों को विश्लेषण किया है। इन चप्तानों को येलोनाइफ खाड़ी में मडस्टोन्स के नाम से जाना जाता है।