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मकर संक्रांति कैसे मनाते हैं टीवी कलाकार


नई दिल्ली : देश में 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है। गौरतलब है कि ये त्योहार सूर्य के उत्तरायण होने पर मनाया जाता है। साथ ही यह देश में फसल कटने के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। इस अवसर पर टीवी स्टार्स ने मकर संक्रांति को लेकर अपने अनुभव साझा किए और फैंस को शुभकामाएं दी हैं।
स्मिता बंसल : मकर संक्रांति मौसम में बदलाव का त्‍योहार है। मैं जयपुर में पली-बढ़ी हूं और वहां बहुत ही ठंड हुआ करती थी। इसलिए, मकर संक्रांति के बाद हमारे स्‍कूल का समय बदल जाया करता था और 1 घंटे की देरी से शुरू होता था। मेरे और मेरे परिवार के लिए संक्रांति का मतलब था छत पर जाना और अपने पड़ोसियों से तेज म्‍यूजि़क और पतंगें उड़ाने में मुकाबला करना। यह त्‍योहार मुझे तिल लड्डू और गज़क की याद दिलाता है, जिन्‍हें खाना मुझे पसंद है। ये सारी यादें उस समय से जुड़ी हैं, जब जयपुर में रहती थी। अब जबकि मैं मुंबई में हूं, मैं ज्‍यादा मकर संक्रांति नहीं मनाती। लेकिन मैं अपने बच्‍चों को एक बार जयपुर ले जाना चाहूंगी ताकि वह इस त्‍योहार के समय के असली माहौल का अनुभव ले सकें। मैं अपने दर्शकों को एक संदेश देना चाहूंगी- ‘तिल गुड़ खाओ और मीठा-मीठा बोलो! हमें कोई भी बात कहने से पहले हमेशा सोचना चाहिये ताकि किसी को तकलीफ ना पहुंचे। यह खुशियों का त्‍योहार है, तो फिर आइए केवल अच्‍छी चीजें बोलकर इस त्‍योहार को मनाएं।


करणवीर शर्मा : मकर संक्रांति पतंगें उड़ाने का पर्याय है। यह मेरे बचपन की बेहतरीन यादें लेकर आता है। मैं पतंगें उड़ाने के लिये बेहद उत्‍सुक रहा करता था और अपने दोस्‍तों के साथ पतंगें लड़ाने का मुकाबला करता था। हमारी बहुत ही बड़ी कॉलोनी थी, जहां सभी दोस्‍त एक साथ इकट्ठा हुआ करते थे और घंटों तक पतंगें उड़ाते थे मिठाई खाते थे। बचपन में, पतंगें उड़ाना मकर संक्रांति के काफी पहले शुरू हो जाता था। जब आप बड़े हो जाते हैं तो आपके पास बचपन जैसे मौके कम ही आते हैं। कहने का मतलब है कि हम सबको इस बारे में अच्‍छी तरह पता है कि पतंग उड़ाने के कारण पंछियों को खतरा होता है, मैं पतंगें नहीं उड़ाता लेकिन परिवार और दोस्‍तों के साथ अच्‍छी-अच्‍छी चीजें और मिठाइयां खाता हूं। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, तो यह क्रिएटिविटी और पॉजिटिविटी लेकर आता है। मैं अपने दर्शकों को हर रूप में क्रिएटिविटी और गुड लक की शुभकामनाएं देता हूं।

निखिल खुराना : मेरे लिए मकर संक्रांति का मतलब है अपने परिवार, दोस्‍तों और करीबियों के साथ मिलकर मौज-मस्‍ती करना और बेशक पतंगें उड़ाना या कम से कम उसकी कोशिश करना दरअसल मैं पतंगें उड़ाने में बहुत ही बुरा हूं। इसका मुख्‍य मकसद तो नाश्‍ते से लेकर रात के खाने तक अच्‍छा वक्‍त साथ में बिताना है, कुल मिलाकार एक अच्‍छा दिन बिताना। इस त्‍योहार पर अपने सभी दर्शकों को मेरा संदेश है कि बस मुस्‍कुराते रहें और अपने परिवार के साथ इस दिन का आनंद लें।

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