जीवनशैली : मनुस्मृति में मानव जीवन के प्रत्येक पहलू का वर्णन मिलता है। साथ ही इसका भी उल्लेख किया गया है कि मनुष्यों को किस परिस्थिति में कैसा व्यवहार करना चाहिए। मनुस्मृति में बताया गया है कि पूजा करते समय हमेशा आसन का प्रयोग करना चाहिए, लेकिन आसन फटा हुआ न हो। इससे चेहरे की लालिमा बढ़ती है। वहीं धार्मिक मान्यता है कि फटे आसन पर बैठने से लक्ष्मी की हानि होती है। यानी कि जमीन के सम्पर्क में रहने से ऊर्जा का क्षय होता है।
मनुस्मृति में बताया गया है कि मिट्टी से बनी किसी भी वस्तु को हाथ से तोड़ने पर नाखूनों में इंफेक्शन हो जाता है। जो कभी-कभी गम्भीर बीमारी का भी कारण बन जाता है। इसके अलावा दूर्वा को तोड़ते हुए भी नाखूनों को नहीं लगाना चाहिए, इसके पीछे वैज्ञानिकों का तर्क है कि नाखूनों में मिट्टी चली जाती है। क्योंकि मिट्टी में कई तरह के कीटाणु होते हैं इसलिए बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
कभी भी दूसरों की चुगली नहीं करनी चाहिए। साथ ही मन में किसी के प्रति किसी भी तरह की दुर्भावना नहीं होनी चाहिए। किसी भी परिस्थिति में किसी की निंदा करने से बचना चाहिए। चिकित्सीय दृष्टिकोण से देखा जाए तो ऐसा करने से मन में गलत ऊर्जा का संचार होता है।