मर्दों को लेकर औरतों के दिमाग में होती हैं ये 6 गलतफहमियां
पुरुषों के बारे में आपके दिमाग में भी हैं ये 6 गलतफहमियां, तो इनकी असलियत जानकर रह जाएंगी दंग…
1- ब्रेकअप से जल्द उबर जाते हैं पुरुष-
दिल टूटने पर महिलाएं ज्यादा गहरे से उस पीड़ा को महसूस करती हैं लेकिन न्यूयॉर्क की एक यूनिवर्सिटी में हुए शोध के नतीजे बताते हैं कि पुरुष रिश्ते से अलग होते हैं लेकिन वे जल्द इससे उबर नहीं पाते हैं। शोध में सामने आया है कि शारीरिक तौर से नहीं लेकिन भावनात्मक तरीकों से पुरुषों को इस टूटन से बाहर आने में लंबा वक्त लगता है। उन्हें भी महिलाओं के समान ही इमोशनल तकलीफों से गुजरना होता है। हालांकि ऊपरी तौर से वे सख्त नजर आते हैं और सार्वजनिक रूप से अपने दर्द का इजहार नहीं होने देते। इसलिए उनके लिए समझ लिया जाता है कि वे ब्रेकअप से उबर चुके हैं। इसके अलावा ये इस बात पर भी डिपेंड करता है कि रिश्ता कितना गंभीर था। अगर ये सिर्फ औपचारिक रिलेशनशिप थी तो जरूर वे जल्द उबर जाते हैं लेकिन सीरियस रिलेशनशिप से ब्रेकअप हो तो ये दर्द उम्रभर के लिए रह सकता है।
2- मर्द रोते नहीं हैं-
बात आंसू बहाने की हो तो जेंडर डिफरेंस आ ही जाता है। इस पर भी कई शोध हुए हैं जो ये बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा आंसू बहाती हैं। लेकिन कोई इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि पुरुष रोते नहीं हैं। बायोकेमिस्ट विलियम एच का रिसर्च बताता है कि आमतौर पर एक महिला एक महीने में औसतन 5.3 बार रोती हैं जबकि पुरुष 1.3 बार रोते हैं। इसमें जार-जार रोने के अलावा सुबकना और चुपचाप आंसू बहाना और आंखें नम हो जाना शामिल है। रिसर्च कहता है फिल्म के दौरान या जिंदगी में किन्हीं विशेष परिस्थितियों में पुरुष रोते हैं। हालांकि उनकी कोशिश होती है कि उनके आंसू ना निकलें। वैसे रोना सेहत के लिए अच्छा है इससे वे भावनात्मक रूप से कई परेशानियों से उबर पाते हैं।
3- पीछा करने की फितरत है उनकी-
एक और रिसर्च पुरुषों के बारे में दावा करता है कि उन्हें प्रेम करना और प्रेम में पीछा करना रोमांचित करता है। सिंगल्स इन अमेरिका सर्वे के मुताबिक ये सच है कि पुरुषों को पीछा करना अच्छा लगता है लेकिन एक बेलेंस्ड चेजिंग ज्यादा मजेदार होती है। शोध के नतीजे बताते हैं कि आज पीछा करना पुराना आइडिया नजर आता है और आज पुरुष व महिला दोनों ही इससे वाकिफ हैं कि वे क्या चाहते हैं। इसलिए इससे डरने की बजाय पीछा करने को एंजॉय किया जाना चाहिए।
4- सिर्फ एक ही सोच-
एक और धारणा प्रचलित है उनके बारे में सेक्स से संबंधित। लेकिन ये पूरी तरह सही नहीं है। सारे पुरुष एेसे नहीं होते। सेक्स के बारे में महिलाओं और पुरुषों की रुचि अलग-अलग होती है। कुछ पुरुष इसमें जरा भी रुचि नहीं रखते तो कुछ की बेहद ज्यादा रुचि होती है। शोधकर्ता जहाना वरंग्लोवा कहती हैं, इसे जनरलाइज नहीं किया जा सकता। ये डिपेंड करता है कि आप जिंदगी के किस दौर में हैं।
5- पुरुष गॉसिप नहीं करते-
पुरुषों के बारे में ये बात हमेशा चर्चित रही है और इस पर कई रिसर्च भी हुए हैं जिसमें पता लगाने की कोशिश की गई कि पुरूषों का गॉसिप करना हमारी जिंदगी को किस तरह प्रभावित करता है। रिसर्च में सामने आया कि 33 फीसदी पुरुष रोजाना गॉसिप जैसी गतिविधियों का हिस्सा बनते हैं जबकि महिलाओं में ये केवल 26 प्रतिशत ही है। हां ये बिलकुल सही है कि महिलाओं के मुकाबले पुरुष ज्यादा बतोले होते हैं और बहुत ज्यादा गॉसिप करते हैं।
6- स्ट्रॉन्ग महिलाओं से ज्यादा अट्रैक्ट होते हैं पुरुष-
इस विषय पर दो मत हैं। कुछ शोध कहते हैं कि पुरुष महिलाओं को भयभीत करके रखते हैं जबकि दूसरे शोध दावा करते हैं कि पुरुष स्ट्रॉन्ग महिलाओं की ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं। शोध में कहा गया है कि मजबूत व्यक्तित्व वाली महिलाओं की मौजूदगी में वे नर्वस महसूस करते हैं। प्रणव कहते हैं, आज महिलाएं बहुत मजबूत मानसिकता वाली हैं और अगर उन्हें हैंडल करने में आपको परेशानी आती है तो ये आपकी अपनी समस्या है। शोध में सामने आया कि बहुत से पुरुषों का सोचना है कि स्ट्रॉन्ग वुमन्स को डील करना मुश्किल होता है लेकिन साथ ही वे बहुत सेक्सी भी होती हैं।