लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की प्रगति और खुशहाली की बदौलत ही देश खुशहाल होगा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का इसलिए सारा जोर इस बात पर है कि उत्तर प्रदेश का विकास रथ आगे बढ़ता रहे और उसमें कोई अवरोध नहीं आए। वर्ष 2012 के विधान सभा चुनावो में प्रचंड जनादेश से सत्ता में आई समाजवादी पार्टी की सरकार ने गांव, गरीब और किसान के कल्याण को प्राथमिकता में रखकर अपना विकास-एजेण्डा तय किया। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास हेतु अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति, सूचना प्रौद्योगिक नीति, उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, सौर ऊर्जा नीति, चीनी उद्योग को जनरेशन एवं आसवनी प्रोत्साहन नीति तथा कुक्कुट प्रोत्साहन की कुल 6 नीतियां तय की। उद्योग जगत को तमाम रियायतें दी। इससे अन्य प्रदेशों के और विदेशी उद्यमियों ने भी प्रदेश में पूंजी निवेश में रूचि दिखाई है और कई परियोजनाएं चालू होने की प्रक्रिया में भी है। मेट्रो परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। आईटी हब बनाने की दिशा में भी काम चल रहा है। उत्तर प्रदेश की एक महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत प्रदेश के समस्त राज मार्गो को कम से कम 7 मीटर चैड़ा तथा समस्त जिला मुख्यालयों को 4 लेन किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पर्क मार्ग बनाने और उनके अनुरक्षण के लिए विशेष प्रयास हो रहे है। बिजली उत्पादन बढ़ाने तथा सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन देने का काम हो रहा है। आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे के साथ मडिया तथा टाउनशिप भी निर्मित होगी।
प्रदेश की प्रगति में केन्द्र को अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए। मुख्यमंत्री जी बराबर केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर बिजली, सड़क तथा अन्य जनहित की योजनाओं के शीघ्र कार्यान्वयन के लिए मदद दिए जाने की मांग कर रहे है। वित्तमंत्री को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री जी ने सड़कों के निर्माण, अनुरक्षण आदि के लिए मिलनेवाली मदद में निरंतर कमी होने का उल्लेख किया है। शिक्षा क्षेत्र के लिए भी उन्होने धनराशि बढ़ाने की मांग की है। प्रदेश को बिजली का पर्याप्त कोटा तथा कोयला भी नहीं मिला है। उन्होने केन्द्र से 6172 करोड़ रूपए की राशि अवमुक्त करने का आग्रह किया है। यह अजीब बात है कि प्रधानमंत्री जी द्वारा सबका विकास सबका साथ का नारा दिये जाने के बावजूद उत्तर प्रदेश की उपेक्षा हो रही है।